पटवारी से लेकर कर्मचारियों ने माना अहरी में बेऔलाद दिखाकर हड़प ली थी जमीन, कार्रवाई नहीं होने पर पीड़िता ने सीएम विंडो पर लगाई शिकायत

रणघोष अपडेट.  झज्जर

जिले के गांव अहरी में जमीन से जुड़ा चौकाने वाले मामले  का सच सामने आ गया है। इस जमीन का लेखा जोखा तैयार करने वाले पटवारी से लेकर एवं मामले की जांच करने वाले अधिकारियों ने माना कि इस जमीन के साथ लगते गांव छपार गांव में पीड़िता के परिवार के कुछ सदस्यों ने चालाकी से जमीन हड़पने के लिए उनके परिवार के मुखिया को बेऔलाद दिखा दिया ओर उसकी मृत्यु के बाद हिस्से की जमीन अपने नाम कर उसे बेच भी दी थी। इस फर्जीवाड़े को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कर्मचारियों की सेवापानी भी की गई थी। जिसके प्रमाण भी सामने आ रहे हैं। वर्तमान में पीड़िता कई सालों से अपने बच्चों के साथ दिल्ली में रह रही है। पांच रोज पहले पीडि़ता अपने बच्चों के साथ झज्जर जिला प्रशासन   के अधिकारियों से भी मिली थी। पूरा रिकार्ड देखने के बाद अधिकारियों ने भी माना कि पीड़िता मेहरकौर के साथ अन्याय हुआ है। निचले स्तर के कर्मचारियों की मिली भगत भी सामने आ रही है।  पांच दिन तक कार्रवाई नहीं होने पर पीड़िता श्रीमती मेहरकौर एवं उनके बेटे राजेंद्र सिंह ने 28 दिसंबर को सीएम विंडो पर पुन: शिकायत दर्ज करवाई है। जिसमें उन्होंने बताया कि सभी प्रमाण देने के बाद भी जांच अधिकारी एवं फर्जीवाड़े  इस मामले पर लीपा पोती करने में लगे हुए हैं। उधर उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही है। पीड़िता ने बताया कि गांव अहरी में खेवट नंबर 786, 787 कृषि योग्य भूमि है जोकि उन्हें अपने पूर्व लहरी सिंह से उत्तराधिकार में मिली थी। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में चाचा भृगुदेव, बुआ खजानी ने संपत्ति हंस्तातरण पत्र व वसीयत के द्वारा अपनी संपूर्ण चल- अचल संपति जो कही भी हो को शिकायकर्ताओं के नाम कर दिया है। वसीयत की प्रतिलिपि राजस्व विभाग में हैं। शिकायतकर्ता की कोठी वाली आराजी जो कि मुश्तल नंबर 24 के खसरा नंबर 12/1 में है वह केस नंबर 97/ तहसील तक्सीम फैसला 10 अक्टूबर 2019 के तहत शिकायतकर्ताओं के हिस्से में आ गई है। उस आराजी पर कमल सिंह व इसका पुत्र बिजेंद्र सिंह बार बार जबरदस्ती बदमाशों की सहायता से कब्जा करने का लगातार प्रयास करता आ रहा है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि  कुछ दिन पहले उनकी माताजी श्रीमती मेहरकौर ने मौके पर जाकर कब्जे को रूकवाया तो उन्होंने उन्हें धक्का दे दिया। रिवाल्वर निकालकर जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह वे जान बचाकर घर पहुंचे। यह सिलसिला अभी तक जारी है।रिकार्ड की गहनता से जांच में साफ जाहिर हो रहा है कि इन लोगों ने राजस्व विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों से साज बाज होकर श्रीमती मेहर सिंह के पति एवं राजेंद्र सिंह के पिता चरण सिंह पुत्र लहरी सिंह को बेऔलाद दिखाकर हमारे हिस्से की जमीन को अपने नाम करा रखी है। पांच दिन पहले हमारे सामने अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि यह बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के आदेश भी जारी कर दिए। पांच दिन बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होना भी इस मामले को किसी ना किसी बहाने से दबाने का प्रयास है। इसलिए इसकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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