रणघोष अपडेट. हरियाणा
नियम 134 ए को लेकर प्रदेशभर स्तर पर प्राइवेट स्कूलों मे दाखिला नहीं करने को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को एक बड़ा निर्णय लिया है। जिसके आधार पर अब असल जरूरतमंद परिवारों के बच्चे ही इस नियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले पाएंगे। जिले में तीन अधिकारियों की कमेटी दाखिला के लिए चयनित हुए बच्चे के परिवार की इंकम जांचेगी। इससे इस नियम की आड लेकर आर्थिक संपन्न परिवारों के बच्चे दाखिला नहीं ले पाएंगे।
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जारी पत्र के हवाले से बताया कि इस नियम के तहत अभी तक प्राइवेट स्कूलों में जितने दाखिले हो जाने चाहिए उसकी संख्या बहुत कम है। इसके पीछे की कई वजहों को समझा तो यह रिपोर्ट आई कि आधे से ज्यादा बच्चे आर्थिक तौर पर मजबूत परिवारों से संबंध रखते हैं लेकिन उनके परिवार के सदस्य चालाकी से 2 लाख से कम का आय प्रमाण पत्र बनवाकर खुद को गरीब दिखाकर दाखिला प्राप्त कर लेते हैं। इस आधार पर दाखिला प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। जिस भी विद्यार्थी का चयन होने पर उसकी आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर संशय है तो उसकी जांच के लिए जिला स्तर पर तीन अधिकारियों की कमेटी बनेगी। इसमें एडीसी चेयरमैन एवं जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला राजस्व अधिकारी सदस्य होंगे। यह कमेटी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों की वार्षिक आय को लेकर संशय के दायरे में आने वाले मामलों का निष्पादन करेंगी। जिन विद्यार्थियों को लेकर कोई संशय नहीं है उनके तुरंत प्रभाव से दाखिला कराने की प्रक्रिया को पूरा करवाया जाए। अभिभावकों की आय का मिलान परिवार पहचान पत्र के साथ साथ अन्य स्त्रोतों से करते हुए दाखिले किए जाए। निदेशालय के इस निर्णय से अब सही मायनों में जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को ही इस नियम का फायदा मिलेगा और प्राइवेट स्कूलों को दाखिला करने के लिए भी किसी भी तरह का कोई बहाना नहीं मिल पाएगा।