वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के संबंध में किए गए ट्वीट्स को लेकर सरदेसाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मुकदमा दर्ज किया है। राजदीप सरदेसाई के खिलाफ आपराधिक अवमानना का यह केस उनके द्वारा अगस्त 2020 में किए गए कई ट्वीट्स को लेकर चलेगा। कानूनी मामलों पर नजर रखने वाली वेबसाइट बार एंड बेंच के अनुसार, यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने आस्था खुराना की याचिका के आधार पर दर्ज किया है। हालांकि, पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सरदेसाई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया था। पत्रकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने के लिए हरियाणा के पानीपत की रहने वालीं आस्था खुराना ने अपनी याचिका में सरदेसाई के कई ट्वीट्स की जानकारी दी थी। खुराना की याचिका पर जवाब देते हुए वेणुगोपाल ने कहा था कि सरदेसाई के ट्वीट उस तरीके के नहीं थे, जिससे कोर्ट की महिमा या कद कम होता हो। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर भी अवमानना का ऐसा ही केस चल चुका है, जिसमें दोषी ठहराया गया था। बाद में उनपर एक रुपये का जुर्माना लगा था। कोर्ट ने भूषण को 15 सितंबर तक उसकी रजिस्ट्री में एक रुपये की जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जुर्माना राशि जमा कराने में विफल रहने पर तीन माह की जेल हो सकती है और वकालत से तीन साल तक प्रतिबंधित किया जा सकता है। इसके बाद, भूषण ने एक रुपये का जुर्माना अदा कर दिया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को हुई किसानों की ट्रैक्टर परेड में मची हिंसा को लेकर किए गए राजदीप सरदेसाई के ट्वीट को लेकर दर्ज किए गए मामले में उन्हें राहत प्रदान की थी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई समेत छह पत्रकारों पर लालकिला हिंसा मामले में कथित तौर पर गुमराह करने वाले ट्वीट करने के आरोप थे, जिसको लेकर कई राज्यों में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। शीर्ष अदालत ने पिछले दिनों इन सभी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।