प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में भारी अंतर : नरसिंह सांगवान

निजीकरण को बढ़ाया दे सरकारी सम्पतियों को ठिकाने लगा रहे मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में भारी अंतर है। यही वजह है कि देश के लाखों अन्नदाता दिल्ली के बॉर्डर पर 93 दिन से और विभिन्न टोलों पर 63 दिन से धरने पर बैठने को मजबूर हैं। यह बात खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में किसानों की आय दुगुनी करने की कहते हैं लेकिन धरातल पर उसके उलट काम करते हैं। आंदोलन के इतने दिन बीत जाने और 230 से ज्यादा किसानों की शहादत के बावजूद मोदी उनसे बात करने को राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के बिना मांगे  उनपर जबरदस्ती तीन काले कानून थोपकर और निजीकरण को बढ़ावा देकर प्रधानमंत्री अपने पूंजीपति मित्रों को सीधा लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि निजीकरण के चलते बहुत सी सरकारी संपत्तियों को कौड़ियों के भाव बेच दिया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी जब विपक्ष में थे जब एफडीआई की आलोचना करते नहीं थकते थे सत्ता पाने के बाद उनके बोल बदल गए हैं।  कितलाना टोल पर धरने के 63वें दिन नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, गंगाराम  श्योराण, दिलबाग ग्रेवाल, मास्टर ओमप्रकाश कितलाना, मास्टर राजसिंह, कृष्णा सांगवान, महेंद्र प्रधान कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर टोल पर शुक्रवार को युवा किसान दिवस और शनिवार को  गुरु रविदास जयंती के अवसर पर किसान-मजदूर दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसान समर्थकों के साथ ज्यादती कर रही है जो सहन नहीं कि जाएगी। धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर डॉ अजय बल्हारा, मास्टर ताराचंद, राजू मान, राकेश आर्य, डॉ देवेंद्र बल्हारा, बिजेंद्र मलिक, बलबीर बजाड़, दिलबाग ढुल, मास्टर रणधीर, राज सिंह बिरही, धर्मेन्द्र छपार, मंगल सुई, रणधीर कुंगड़, पृथ्वी नम्बरदार, प्रोफेसर जगमिंद्र, मुकेश पहाड़ी, मीरसिंह निमड़ीवाली, रामफल, निहाल सिंह, प्रेम सिंह, महीपाल चरखी, शमशेर सांगवान, सत्यवान कालुवाला, रत्तन सिंह कलाली, देशराम भांडवा, कर्ण सिंह हुई, जगदीश, अनिल हड़ौदी, बीरो, लक्ष्मी, रतन्नी देवी इत्यादि मौजूद थे। आज भी टोल फ्री रहा।

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