बात रेवाड़ी भाजपा के नए जिला अध्यक्ष की..

48 घंटे में आम से खास हुए, पहले चौहान थे अब प्रीतम चौहान जी..


रणघोष खास. सुभाष चौधरी


बात भाजपा के नए जिला रेवाड़ी अध्यक्ष बने प्रीतम चौहान की। 48 घंटों में यह शख्स आम से खास हो गया। पार्टी हाईकमान ने समर्पित कार्यकर्ताओं के सम्मान की परंपरा के तौर पर प्रीतम चौहान को इस जिम्मेदारी से नवाजा है। चौहान को यह जिम्मेदारी उस समय मिली है जब भाजपा के अंदर बाहर की राजनीति उबाल मारने लगी है।  साधारण व्यक्तित्व के धनी  चौहान अगले एक माह तक जिला अध्यक्ष के तौर पर मिलने वाले सम्मान के समुद्र में डुबकी मारते नजर आएंगे। इसमें आधे वो लोग भी नजर आएंगे जिन्होंने चौहान को इससे पहले महज एक साधारण कार्यकर्ता से ज्यादा कोई हैसियत नहीं दी। फोन तक उठाना पंसद नहीं करते थे, मिलने मिलाने की बात हुई तो चौहान आमतौर पर उनसे समय मांगते रहे। भाजपा में  जिला अध्यक्ष का पद ठीक उसी तरह का है जिस तरह प्रशासनिक स्तर पर डीसी एवं एसपी का होता है। इस पद को विधायक- मंत्री से ज्यादा अहमियत मिलती रही है। जाहिर है अध्यक्ष बनने से पहले प्रीतम चौहान बोलने वाले अब प्रीतम चौहान जी कहते नजर आएंगे। जिले में भाजपा विधानसभा वाइज अलग अलग मानसिकता में बंटी हुई है। पार्टी कैडर हर जगह है लेकिन व्यक्ति विशेष अपना हैसियत के हिसाब से अलग प्रभाव रखता है। विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव नजदीक है जाहिर है सभी के लिए संतुलन बनाए रखना जिला अध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। प्रीतम चौहान को किसी व्यक्ति विशेष की मेहरबानी से नहीं संगठन में लंबे समय तक जुड़े रहने का प्रतिफल मिला है। इसलिए आने वाले दिनों में उनके लिए असरदार नेताओं के शब्दों को पार्टी  के अनुशासन की धारा में लाना भी सहज नहीं होगा। सबसे बड़ी बात जिले में पहली बार राजपूत समाज को भाजपा में जिला स्तर पर सबसे बड़ा सम्मान मिला है। ऐसे में जातिगत समीकरण के बीच बेहतर तालमेल भी प्रीतम चौहान के लिए एक परीक्षा होगी।

 भाजपा प्रदेश कमेटी में शामिल हुए हुकम यादव की अब चर्चा नहीं


प्रीतम चौहान से पहले हुकमचंद यादव भाजपा के चार साल तक सक्रिय ओर मजबूत जिला अध्यक्ष रहे। दो दिन पहले हुए फेरबदल में हुकमचंद यादव को भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कर लिया गया। कायदे से इसे पार्टी प्रमोशन  कहा जाता है। गौर करने लायक बात यह है कि पिछले दो तीन दिनों से पार्टी कार्यालय में चल रहे मान सम्मान आयोजन में हुकमचंद यादव कहीं नजर नहीं आ रहे हैं और ना किसी ने उनके सम्मान एवं पार्टी पदोन्नति को लेकर कोई कार्यक्रम किया। इसे क्या समझा जाए। इतना जरूर है कि कुर्सी पर बैठे पद का सम्मान ही सबकुछ है।

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