रण्घोष अपडेट. रेवाड़ी
विवेचना आईएएस एंड जुडिशरी अकैडमी में बाबासाहेब डॉ बी आर अंबेडकर जयंती के अवसर पर “संविधान और बाबा साहेब” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राजेंद्र जी, विभागीय संपर्क प्रमुख, विवेकानंद केंद्र, ने शिरकत की। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब आंबेडकर को दलितों का नेता कहना गलत है। संविधान की प्रस्तावना इस बात का प्रमाण है कि बाबासाहेब किसी जाति या समुदाय विशेष के हितेषी ना होकर संपूर्ण समाज के चिंतक के रूप में उभरे और सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए संविधान के जरिए विशेष व्यवस्था की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी डॉ अंबेडकर की शिक्षा, राजनैतिक जीवन, सामाजिक जीवन और संघर्ष से प्रेरित उनके किस्से मंच के जरिए श्रोताओं के सामने रखे। अंत में विवेचना आईएएस एंड जुडिशरी एकेडमी के निदेशक एडवोकेट रंजीत सिंह ने बाबा साहब के जीवन के कुछ अंश लेते हुए उनके संघर्ष, उनको मिले तिरस्कार, अपमान, निंदा और अस्पृश्यता को ही अपनी मजबूती बनाई और शिक्षा को हथियार बनाकर समाज में हो रहे भेदभाव के प्रति पूरे भारतीय समाज को जागृत किया। भारत की राष्ट्रभाषा संस्कृत होनी चाहिए इस पर भी उन्होंने काफी जोर दिया। भारत के इस पुरोधा को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और अपने अतिथियों एवं श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।