तुर्की-सीरिया में आए भूकंप ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया. अब तक 7900 से अधिक लोगों के मरने के आंकड़े सामने आए हैं. वहीं 50 हजार के करीब घायलों की संख्या बतायी जा रही है. तुर्की की इस भयावह तस्वीर को देख अब ये सवाल उठ रहा है कि भारत भूकंप के प्रति कितना संवेदनशील है? सरकार के अनुसार, भारत का लगभग 59 प्रतिशत भूभाग अलग-अलग तीव्रता के भूकंपों के प्रति संवेदनशील है. आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहर और कस्बे जोन-5 में हैं और यहां सबसे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप का खतरा है. यहां तक की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र भी जोन-4 में है, जो बेहद खतरनाक स्थिति है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी व पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह ने जुलाई 2021 में लोकसभा में बताया था, “देश में भूकंपों के रिकॉर्ड किए गए इतिहास को देखते हुए, भारत की कुल भूमि का 59 फीसदी हिस्सा अलग-अलग तीव्रता वाले भूकंपों के प्रति संवेदनशील है.’ इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा था कि देश के कुल क्षेत्र को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया था. वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे देश को भूकंपी जोनों में बांटा गया है.
इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है. बता दें कि जोन 5 वह क्षेत्र है जहां सबसे तीव्र भूकंप आते हैं, जबकि सबसे कम तीव्र भूकंप जोन 2 में आते हैं. देश का लगभग 11 फीसदी क्षेत्र जोन 5 में है, 18 फीसदी क्षेत्र जोन 4 में, 30 फीसदी क्षेत्र जोन 3 में और बाकी बचे हुए क्षेत्र जोन 2 में आते हैं. 700 से अधिक वर्षों से इस क्षेत्र में टेक्टोनिट स्ट्रेस रहा है, जो अभी या 200 वर्षों के बाद रिलीज होगी. जैसा कि 2016 में अध्ययनों से संकेत मिलता है. इसका मध्य हिमालय पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा.
मध्य हिमालयी क्षेत्र दुनिया में सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है. साल 1905 में, कांगड़ा में बहुत ही तीव्र गति का भूकंप आया था. 1934 में, बिहार-नेपाल भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 8.2 मापी गई थी और इसमें 10,000 लोग मारे गए थे. वहीं 1991 में, उत्तरकाशी में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 800 से अधिक लोग मारे गए थे. जबकि 2005 में, कश्मीर में 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद इस क्षेत्र में 80,000 लोग मारे गए थे.
जोन 5 में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू और कश्मीर और अंडमान और निकोबार हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी देश में और आसपास भूकंप की निगरानी के लिए नोडल सरकारी एजेंसी है. देश भर में, राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क है, जिसमें 115 ऑब्जर्वेशन सेंटर हैं, जो भूकंपीय गतिविधियों पर नजर रखते हैं.(Report News18 India)
Wow, wonderful weblog format! How long have you ever been blogging for?
you make running a blog look easy. The whole
glance of your web site is wonderful, let alone the content!
You can see similar here sklep online
I was able to find good information from your content.
I saw similar here: Sklep internetowy
Thank you for your sharing. I am worried that I lack creative ideas. It is your article that makes me full of hope. Thank you. But, I have a question, can you help me?
Can you be more specific about the content of your article? After reading it, I still have some doubts. Hope you can help me.