उत्तर प्रदेश में भैंस एक बार फिर चर्चा में है. इस बार चर्चा का केंद्र रामपुर के बजाय गोंडा है. जी हां, भैंस का बीमा कराने वाले उपभोक्ता को बीमित धनराशि का भुगतान न करने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर साढ़े आठ हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही बीमा कंपनी को एक माह के अंदर बीमा की क्लेम धनराशि 60 हजार रुपये भुगतान करना होगा.
दरअसल, तरबगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम चंदीपुर निवासी सुरेश कुमार ने अधिवक्ता कामाख्या प्रताप सिंह के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत परिवाद में कहा कि उसने एक हजार 392 रुपए अदाकर ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. की नेहरु पैलेस नई दिल्ली शाखा से अपने भैंस का 60 हजार रुपए का बीमा कराया था. जिसकी वैधता तिथि पांच सितंबर 2018 थी. बीते 4 जून 2018 को भैंस अचानक बीमार हुई और उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम के बाद परिवादी ने बीमा कंपनी को दावा प्रपत्र प्रस्तुत कर बीमित धनराशि 60 हजार रुपए दिलाने की मांग की, लेकिन बीमा कंपनी ने परिवादी को क्लेम न देने की नीयत से विभिन्न दावे को लटकाए रखा. परेशान होकर भैंस के मालिक ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जिला उपभोक्ता फोरम की शरण ली और सेवा में कमी का परिवाद दाखिल कर बीमा कंपनी से बीमित धनराशि 60 हजार रुपए व शारीरिक, मानसिक, आर्थिक क्षति व वाद व्यय के लिए 35 हजार रुपए दिलाने की मांग की.
बीमा कंपनी की ओर से कोई नहीं हुआ पेश
उपभोक्ता फोरम की नोटिस के बावजूद भी बीमा कंपनी की ओर से कोई अधिकारी या कर्मचारी हाजिर नहीं हुआ और न ही कोई जवाब प्रस्तुत किया, परिवाद की एक पक्षीय सुनवाई के दौरान परिवादी के अधिवक्ता की ओर से की गई बहस व पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर फोरम ने माना कि बीमा कंपनी ने परिवादी को भैंस की बीमित धनराशि का समय से भुगतान नहीं किया. इससेे परिवादी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है. इस मामले में निर्णय सुनाते हुए फोरम के अध्यक्ष रामानन्द, सदस्य सुभाष सिंह व मंजू रावत ने बीमा कंपनी को परिवादी को बीमित धनराशि 60 हजार रुपए एक माह के अंदर भुगतान करने और शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए पाचं हजार तथा वाद खर्च के लिए साढ़े 3 हजार रुपए परिवादी को अदा करने का आदेश दिया है. वहीं यह भी आदेश दिया है कि समय से भुगतान न होने पर वास्तविक भुगतान की तिथि तक बीमा धनराशि पर 7 प्रतिशत ब्याज भी बीमा कम्पनी को देना होगा.
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