मुआवजा को लेकर खुद ही घिरती जा रही सरकार, कथनी करनी उजागर

गुरुग्राम में डिप्टी सीएम का विभागीय पीडब्ल्यूडी दफ्तर सील, कोर्ट क आदेश पर हुई कार्रवाई

रणघोष अपडेट. गुरुग्राम

बसई से खेड़की को बनी सड़क की जमीन का मुआवजा नहीं मिलने पर कोर्ट ने आखिरकार पीडब्ल्यूडी विभाग को सील कर उसकी प्रोपर्टी से मुआवजा देने के आदेश जारी कर दिए। यहां बता दें कि मुआवजा को लेकर अलग अलग जगह राज्य सरकार को फजीहत झेलनी पड़ रही है। रेवाड़ी में भी एमआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को जमीन का मुआवजा दे दिया लेकिन स्ट्रक्चर की राशि को लेकर एचएसआईआईडीसी पलटी खा गया जबकि उसने खुद 8 सितंबर 2021 को  स्ट्रक्चर का अवार्ड कर दिया था। इसके लिए डीआरओ रेवाड़ी 15 बार पत्र भी लिख चुका था लेकिन कुछ नहीं हुआ।  दोनों ही महकमें डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अधीन आता है। डिप्टी सीएम अपने भाषण में मौजूदा सरकार को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी होने का लगातार दावा करते आ रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत  कुछ ओर ही बयां कर रही है।

गुरुग्राम में 8-10 सालों से किसान अपने मुआवजा को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग अब जो मुआवजा दे रहा है उससे ज्यादा की राशि तो कोर्ट में खर्च हो चुकी है। कोर्ट में पीडब्ल्यूडी विभाग अपना मजबूत पक्ष नहीं रख पाया। लिहाजा कोर्ट ने मुआवजा नहीं देने पर अब विभाग को सील कर उसकी प्रोपर्टी को अटैच कर मुआवजा प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। यहां बता दे कि इसी मामले में अधिकारियों की गाड़ियों को भी जब्त कर लिया गया था। बाद में मुआवजा के आश्वासन पर उन्हें गाड़ियां दे दी गईं।

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