यौन उत्‍पीड़न केस में पहलवानों का बड़ा फैसला, हरिद्वार में गंगा में बहाएंगे अपने मेडल, इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन

यौन उत्‍पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवान आज शाम उत्‍तराखंड के हरिद्वार जाएंगे. यहां पहलवान गंगा में प्रवाहित करेंगे. पहलवान बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. पहलवानों ने सोशल मीडिया पर जारी पत्र में कहा है कि मेडल हमारी जान है आत्‍मा हैं, इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.

जारी पत्र में कहा गया है कि ‘इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्‍योंकि वह गंगा मां ही है… जितना पवित्र हम गंगा मां को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है’. बता दें कि बीते 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों सहित दिल्लीभर में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया.. जबकि पहलवानों साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. हिरासत में लिए गए पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और संगीता फोगाट सहित सभी महिला प्रदर्शनकारियों को रविवार देर शाम रिहा कर दिया गया था. जनपथ से हिरासत में लिए गए नजफगढ़ के करीब 14 प्रदर्शनकारियों को रात करीब 10 बजे रिहा कर दिया गया और पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी सहित 16 प्रदर्शनकारियों को रात करीब साढ़े दस बजे वसंत विहार थाने से रिहा कर दिया गया.  सर्व खाप महापंचायत और प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को दिल्ली में नवनिर्मित संसद भवन के बाहर महिला पंचायत आयोजित करने का आह्वान किया था, ताकि उद्घाटन करने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इन पीड़िता ओलंपियन पहलवानों की तरफ जाए. पिछले हफ्ते रविवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के महम कस्बे में आयोजित खाप महापंचायत में तय किया गया था कि नवनिर्मित संसद भवन के बाहर रविवार को होने वाली पंचायत में देशभर की महिलाएं भाग लेंगी.

नए संसद भवन की ओर कूच करने से रोके जाने पर विनेश फोगाट, उनकी बहन संगीता फोगट और अन्य पहलवानों ने सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया था, जिसके बाद तनाव बढ़ गया था. इसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों में धक्का-मुक्की हुई. जब वे धरना देने के लिए सड़क पर बैठ गए तो उन्हें घसीटकर ले जाया गया और पुलिस वैन डाल दिया गया. इस दौरान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और उनके समर्थकों सहित सभी पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें अलग-अलग थानों में रखा गया था.

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रविवार को शहर की पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ मारपीट की निंदा की थी और यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. इन पहलवानों का जंतर-मंतर पर धरना 23 अप्रैल से ही चल रहा था.

 

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