– शनिवार को लोगों ने भवन में प्रवेश कर चल रहे निर्माण को बंद करा एनजीओ पदाधिकारियों को भगा दिया, आज तालाबंदी करेंगे
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
राज्य सरकार जिस एनजीओ विकल्प के सहारे सुपर- 100 प्रोजेक्ट शुरू कर सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को शानदार बनाकर वाह वाह लेने में जुटी हुई थी अब इसी एनजीओ की कार्यप्रणाली और तौर तरीकों ने सरकार को बोलने लायक नहीं छोड़ा। शनिवार को सेक्टर चार स्थित पुराने सैनिक स्कूल भवन के सामने धरने पर बैठे सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं लोगों का गुस्सा शनिवार को बेकाबू हो गया जब उन्हें पता चला कि आदेश के बावजूद एनजीओ द्वारा निर्माण कार्य जारी किया हुआ है। सभी भवन के भीतर चले गए और मजदूरों को भगा दिया। माहौल बिगड़ता देख संस्था के पदाधिकारी भी इधर उधर हो गए। 11 जून को लिखित में एनजीओ से भवन वापस लेने का निर्णय पत्र नहीं मिलने की सूरत में भवन के गेट पर ताला लगाने का निर्णय लिया है। ऐसे में जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की मुश्किलें भी खड़ी हो गई हैं। साथ ही यह मुद्दा पूरी तरह से राजनीति हो गया है जिसमें भाजपा को अच्छी खासी फजीहत झेलनी पड़ रही है। खुद सरकार द्वारा यह भवन एनजीओ को दिए जाने पर स्थानीय भाजपा नेता पूरी तरह खिलाफ थे।
शनिवार को जिस तरह लोगों का गुस्सा भवन के अंदर प्रवेश कर गया। उससे यह साफ जाहिर हो गया है कि अब विकल्प को समय रहते अपना दूसरा विकल्प तलाशना होगा। अगर वह इसी भवन को लेकर सरकार में कुछ अधिकारियों के भरोसे लड़ाई लड़ती है तो उसके लिए आने वाले समय में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। संस्था की कार्यप्रणाली भी पढ़ाई से लेकर माहौल, मैस चलाने, फंड, व अभी तक आए परिणामों को लेकर पूरी तरह से विवादित बनी हुई है। शिक्षा विभाग कार्यालय में कुछ अधिकारी एनजीओ से मिलकर उस रजल्ट को भी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि जो बेहतर परिणाम का दावा किया जा रहा है वह जमीनी स्तर पर कितना सही है। सबसे बड़ी बात यह संस्था जहां भी रही है वहां उस भवन के मालिकों से उनका विवाद रहा है। पुलिस में कई तरह की शिकायतें भी पहुंच रही है। अब धरने पर बैठे लोग इस संस्था की रिपोर्ट कार्ड की जांच कराने पर अड़ गए हैं। उनका आरोप है कि अभी तक जितनी भी जानकारियां प्राप्त हो रही है उस हिसाब से इस संस्था ने कुछ सीनियर अधिकारियों की मिली भगत से सुपर 100 के नाम पर अच्छा खासा सरकारी बजट स्वीकृत कर उसे इधर उधर किया है जिसकी बड़ी एजेंसी से जांच करानी जरूरी है। अगर यह गलत है तो सेक्टर चार में चल रहा निर्माण कार्य संस्था के पदाधिकारी क्यों करा रहे हैं। संस्था में भी एक ही परिवार के सदस्य है। जबकि इसका कार्य तो बच्चों को पढ़ाना है। कुल मिलाकर विकल्प जिस इरादे के साथ इस भवन में एंट्री कर गया था वह उसे उलटा पड़ गया है।