रणघोष खास. रेवाड़ी. हरियाणा
पूरे देश में सीबीएसई की तरफ से चल रही कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं की परीक्षा पूरी तरह कटघरे में खड़ी हो गई हैं। पहले फेज में हो रही इन परीक्षाओं का पैटर्न ऑब्जेक्टिव रखा गया है। कमाल की बात यह है कि जिन स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए है वहां पहले ही बच्चों को पता चल जाता है कि किस सवाल का क्या जवाब देना है। हरियाणा के पानीपत- सोनीपत जिले में इनका खुलासा होने के बाद अब रेवाड़ी में भी कुछ स्कूलों में यही खेल खेला जा रहा है। सीबीएसई पॉलिसी की गहरी समझ रखने वालों की माने तो यह इस बार जिस तरह परीक्षा का आयोजन किया गया है वह सीधे तौर पर प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ छलावा है। निजी स्कूल अपने रजल्ट के लिए सभी हदों को पार कर रहे हैं।
परीक्षा के नाम पर ऐसे किया जा रहा है खेल
सीबीएसई द्वारा संचालित स्कूलों में परीक्षा केंद्र के नाम पर बंदरबाट की गई है। उन्हीं स्कूलों को सेंटर मिले हैं जिनके बच्चे भी वहीं परीक्षा दे रहे हैं। यानि ये परीक्षाएं नहीं होकर घर का बही खाता बना दिया गया है। एक घंटे पहले प्रश्न पत्र सेंटर पर पहुंचते हैं। परीक्षा लेने वाले भी स्कूल का स्टाफ होता है। सोचिए ऐसा कौनसा स्कूल दूध का धुला होगा जो अपने स्कूल के बेहतर रजल्ट के लिए सीमाएं नहीं तोड़ेगा। प्रश्न पत्र पहले ही शिक्षकों के पास पहुंचकर आंसर की बन जाता है। एक घंटे में सारा खेल हो जाता है। महेंद्रगढ़ एवं दिल्ली रोड पर कुछ निजी स्कूलों के मामले सामने आए हैं। जिनकी रिपोर्ट आला अधिकारियों के पास भेजी जा रही है। परीक्षा केंद्र पर डयूटी दे रहे एक सुपरवाइजर की रिकार्डिंग पर भरोसा किया जाए तो होश उड़ जाएंगे। सुपरवाइजर एक निजी स्कूल संचालक से कह रहा है कि आपके कहने से मैने आपके सभी बच्चों के 10-10 नंबर बढ़ा दिए हैं। चूंकि परीक्षा ऑब्जेक्टिव लेवल पर हो रही है। इसलिए पेन से सही कॉलम भरने होते हैं। सभी बच्चों के पास एक जैसा प्रश्न पत्र है इसलिए एक ही झटके में सभी बच्चों का खतरनाक भविष्य तैयार किया जा रहा है।
एक स्कूल के बच्चे आए ओर आधा घंटे में पेपर करके चले गए
महेंद्रगढ़ रोड पर एक निजी स्कूल के बच्चे इतने जबरदस्त होनहार निकले की कि वे आधा घंटे में ही पेपर देकर चले गए। बच्चों को पहले ही पता था कि प्रश्न पत्र में किस तरह के सवाल आ रहे हैं।
सीबीएसई अधिकारी सेवा शुल्क लेकर लगा रहे डयूटी
कुछ निजी स्कूल संचालकों का दावा है कि इस बार सीबीएसई की विश्सनीयता पूरी तरह खत्म हो गई है। सेवा शुल्क लेकर शिक्षकों की उनकी मर्जी के हिसाब से डयूटी एवं सेंटर अॅलाट किए जा रहे हैं। परीक्षा शुरू होने से पहले ही शिक्षा के खिलाड़ी अपनी गोटी जमा चुके थे।
प्रश्न पत्र का एक ही कोड दिया, खुलकर करो नकल
पहली बार प्रश्न पत्र में एक ही कोड दिया गया है। इससे पहले ए, बी, सी, डी पैटर्न पर प्रश्न पत्र आते थे ताकि बच्चे एक दूसरे को देखकर नकल नहीं कर सके। इस बार सभी का प्रश्न पत्र एक जैसा है। यानि एक ही झटके में परीक्षा केंद्र पर सभी बच्चे शत प्रतिशत नंबरों के साथ स्कूलों का नाम रोशन करते नजर आएंगे।
सोचिए पूरे देश में क्या स्थिति होगी
सीबीएसई की परीक्षा पूरे देश में एक साथ हो रही है। सोचिए परीक्षा केंद्रों पर जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। यह शिक्षा की भयावह तस्वीर है। अगर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होती हैं तो यह देश में शिक्षा जगह की सबसे डरा देने वाली घटना होगी जिसमें प्रतिभा शाली बच्चों को जीते जी खत्म किया जा रहा है।