रणघोष न्यूज बेहतर बदलाव की आवाज : जीवन के हर सवाल का जवाब अब बोलने वाली श्रीमद् भागवत गीता में..

रणघोष अपडेट. देशभर से

श्रीमद भगवद्गीता हिंदू सनातन धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक है। जीवन के हर सवाल का जवाब गीता में है। यह जीवन को सकारात्मक ढंग से जीने के लिए प्रेरित करती है।  यहीं कारण है कि यह विश्व में  सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला ग्रंथ है। आधुनिक परिवेश में अब इसका डिजिटल वर्जन भी गया है, जिससे लोग सुनकर गीता का ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। होमा संस्था एवं सेफ एंड सिक्योर संस्था द्वारा बोलती हुई गीता के डिजिटल स्वरूप को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। यह हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी के अलावा भारत की क्षेत्रीय भाषाओं जैसे मराठी, गुजराती, बंगाली, तमिल और तेलुगू समेत चौदह भाषाओं में जो एक ही विजडम फ्यूट से संचालित होती है। कई बार ऐसे लोग जिन्हें संस्कृत नहीं आती है या किसी कारण से शिक्षित नहीं हो पाए। या फिर जिनकी आंखों की रोशनी बहुत कमजोर है या पूरी तरह से दृष्टिबाधित है। ऐसे में बोलने वाली यह गीता उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसे  फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन भाषा में भी सुना जा सकता है। इस डिजिटल गीता के हर अध्याय, हर चित्र, हर श्लोक की व्याख्या सुनी जा सकती है। इसका संचालन रिमोड की तरह बने विजडम फ्यूट से होता है, जिसमें सेंसर लगा हुआ है। इसमें सबसे पहले भाषाओं की सूची है, इसमें जिस भाषा में आप सुनना चाहते हैं, उसके आप्शन को टच करना होगा। इसी तरह गीता के पद्य, गद्य, श्लोक, व्याख्या सहित गीता में जो शब्द लिखे है अथवा चित्र बने हैं, उसमें भी सेंसर लगा हुआ है।

 इसे शुरू करने के बाद जैसे ही विजडम फ्यूट से टच करेंगे, तो वह संबंधित श्लोक, प्रसंग की व्याख्या करेगी। इसमें संपूर्ण गीता की व्याख्या के साथसाथ कई तरह के भजनों की श्रृंखला भी है। घर के साथसाथ सफर के दौरान भी इसे चार्ज कर साथ लेकर जाने के बाद इसे सुन सकते हैं। सफर के दौरान इसके कुछ डिजिटल पेज भी लेकर जा सकते हैं, जिसमें गीता के अध्याय की संक्षिप्त व्याख्या, 108 कृष्ण भजन, मेडिटेशन आदि समाहित है। होमा संस्था एवं सेफ एंड सिक्योर संस्था ने बताया कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार और लोगों को गीता जैसे सद्ग्रंथ से जोड़ने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा के रेवाडी में सरकारी विभाग, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों से जुडे कुछ लोगो ने संगठित होकर अब घर घर तक इस गीता को पहुंचाने का अनूठे अंदाज में अभियान चलाया है।इनका मानना है की इस गीता से ना केवल निजी जीवन में बेहतर बदलाव आएगा साथ ही इसे एक दूसरे के सहयोग से सभी तक पहुंचाने पर जीवनभर नैतिक- पवित्र  सम्मानजनक आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा। देशभर में यह अभियान चल रहा है। इनका मानना है की  गीता में दिए गए भगवान कृष्ण के उपदेश आज भी उतने ही सत्य है और व्यक्ति को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं। यदि कोई व्यक्ति गीता के उपदेशों को अपने जीवन में उतारता है तो उस व्यक्ति को तरक्की के साथ प्रसिद्धि भी प्राप्त होती है।भगवान कृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के दौरान गीता के उपदेश में बताया था कि किसी भी मनुष्य की परिस्थितियां चाहे कितनी भी खराब हो वह हमेशा एक जैसी नहीं रहती।  परिस्थितियां बदलती है। इसलिए मनुष्य को हिम्मत नहीं हारना चाहिए। भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि ईश्वर कभी भी किसी व्यक्ति के साथ नाइंसाफी नहीं करता।  वह केवल उसको वही देता है जिसके लायक वह व्यक्ति है। गीता के एक अन्य उपदेश में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि इस पृथ्वी लोक पर कोई साथ नहीं देता। यहां तुम्हें खुद ही लडना है और खुद ही समझना भी है। व्यक्ति जो चाहे वह बन सकता है. यदि वह विश्वास के साथ उस विषय में चिंतन करें।  मनुष्य हर एक चीज वस्तु पर अपना आधिपत्य पा सकता है।  श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने बताया था कि इस मनुष्य जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को अधिक तनाव नहीं लेना चाहिए। हर प्रकार का दर्द खुशी क्षणिक मात्र होती है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति के साथ चलने से ना तो व्यक्ति को खुशी मिलती है और ना ही उसे लक्ष्य प्राप्त होता है। इसलिए हर मनुष्य को सदैव अपने कर्मों पर विश्वास करना चाहिए और हमेशा अकेले चलते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करने की सोचना चाहिए।