राजनीति के चक्कर में कप्तान अजय सिंह यादव का पारिवारिक आयोजन मजाक ना बन जाए
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
पिछले कुछ दिनों से पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय संयोजक कप्तान अजय सिंह यादव गुरुग्राम लोकसभा व विधायक चिरंजीव राव रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में जनसंपर्क अभियान के साथ साथ 21 जून को होने वाले पारिवारिक आयोजन का न्यौता भी दे रहे हैं। चिरंजीव राव के पुत्र होने की खुशी में यह आयोजन है। सामाजिक तौर पर लाखों लोगों के पास दावत का निमंत्रण पहुंच गया है। जब इस बारे में आयोजन स्थल की रिपोर्ट ली तो पता चला कि अधिकतम 25 हजार लोगों के भोजन का प्रबंध करने की तैयारी को फाइनल किया गया है। ऐसे में यह आशंका लगाई जा रही है कि राजनीति के चक्कर में कप्तान अजय सिंह यादव पहले वाली गलती दुबारा नहीं दोहरा दे। यहां बता दें कि चिंरजीव राव की शादी के अवसर पर दी गई दावत में उमड़ी भीड़ में आधे से ज्यादा को भोजन ही नहीं मिला था और अफरा तफरी का माहौल बन गया था। जिस वजह से कप्तान के सामने हास्यापद स्थिति बन गई थी जिसकी भरपाई करने के लिए कप्तान को किसी ना किसी बहाने से छोटे छोटे आयोजन करने पड़े।
पिछले कुछ दिनों से पारिवारिक आयोजनों के माध्यम से क्षेत्र के नेता अपनी सामाजिक और राजनीतिक हैसियत का प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों हरियाणा टूरिज्म के चेयरमैन अरविंद यादव ने अपने बेटे की शादी की व कोसली विधायक लक्ष्मण यादव ने अपने पोते के कुआं पूजन की दावत दी थी। दोनों में बेहतर इंतेजाम किए गए थे। उन्होंने मौखिक की बजाय कार्ड से निमंत्रण दिया । विशेष जिम्मेदारियां लगाई गईं। वहीं किया जो सम्मान के तौर पर निमंत्रण देने की परपंरा रही है। हालांकि कप्तान परिवार की तरफ से अव्यवस्था होने का अंदेशा होने पर अब जनसंपर्क को लेकर रोज जारी हो रहे प्रेस नोट में दावत का न्यौता का जिक्र बंद कर दिया है लेकिन मौखिक संदेश लगभग सभी को पहुंच चुका है। यहां बता दें कि इस तरह के सामाजिक आयोजन में सभी वर्ग के लोग एवं राजनीतिक दलों के नेता शिरकत करते हैं। लगातार छह बार विधायक एवं मंत्री रह चुके कप्तान हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं में आते हैं जाहिर है प्रदेशभर से भी लोग इस आयोजन में आएंगे। हालांकि नेताओं के आयोजनों में बेकाबू हुई भीड़, जगह जगह लगा जाम, पुलिस को स्थिति संभालनी पड़ी जैसी स्थिति आयोजन कर्ता की राजनीति को मजबूत करती है लेकिन जब अन्य सामाजिक आयोजनों से तुलना की जाती है तो शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है। कुल मिलाकर पिता- पुत्र अपने जनसंपर्क अभियान के तहत एक पंथ तीन काज पूरा करने में लगे हुए हैं। पहला 30 मई से सरककर 7 जुलाई को होने वाले दिल्ली ओबीसी वर्ग के होने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए लोगों से पहुंचने की अपील करना, दूसरा एक साल बाद होने वाले चुनाव की तैयारी के मददेनजर होमवर्क शुरू करना और तीसरा लगे हाथ पारिवारिक आयोजनों का न्यौता देकर अपनी सामाजिक हैसियत को मजबूत करना। देखना यह रहेगा कि कप्तान तीनों आयोजनों में कितने सफल रहते हैं।