राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले आज एक बार फिर बड़ा फेरबदल हो गया. अशोक गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढा (Rajendra Gudha) ने आज शिवसेना का दामन थाम लिया है. गुढा को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने पार्टी की सदस्यता दिलवाई. सीएम शिंदे ने राजेन्द्र गुढ़ा को दुपट्टा पहना कर पार्टी में स्वागत किया. गुढा को पार्टी में शामिल करने के लिए सीएम शिंदे खुद राजस्थान आए. यहां गुढा के उदयपुरवाटी इलाके में स्थित गुढा गांव में आयोजित कार्यक्रम के बाद शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी.
शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाअघाड़ी सरकार ने महाराष्ट्र को पीछे धकेल दिया था. अब महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार बेहतर काम कर रही है. राजस्थान को भी आगे बढ़ाने के लिए सत्ता परिवर्तन जरूरी है. उन्होंने राजेन्द्र गुढा के लिए कहा कि जिसने सच बात कहने के लिए मंत्री पद तक की परवाह नहीं कि आज ऐसे ही विचारधारा वाले व्यक्ति की राजनीति में जरुरत है.
शिंदे बोले- हमें जनता के लिए काम करना है
राजेन्द्र गुढा को हमारी तरफ से पूरा सहयोग मिलेगा. जनता का फायदा किसमें हैं यही राजेन्द्र गुढा ने सोचा है. हमें जनता के लिए काम करना है. शिंदे ने कानून व्यवस्था, रोजगार और किसानों समेत अन्य मुद्दों पर अप्रत्यक्ष रूप से गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि जैसे हम महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं वैसे ही यहां भी काम करेंगे. सीएम शिंदे साथ महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सांवत भी मौजूद रहे.
आज गुढा के बेटे का जन्मदिन है
आज राजेन्द्र गुढा के बेटे का जन्मदिन है. गुढा ने शिवसेना में शामिल होने के लिए इसी मौके को चुना. बेटे के जन्मदिन के बहाने यह कार्यक्रम आयोजित किया था. शिंदे इसी आयोजन में शामिल होने के बहाने राजस्थान आए. यहां पर बाद में गुढा ने शिव सेना का दामन थाम लिया. कार्यक्रम का आयोजन गुढा का के लिबर्टी फॉर्म में किया गया था.
दो बार बसपा से जीत चुके हैं गुढा
उल्लेखनीय है कि राजेन्द्र गुढा झुंझुनूं की उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. राजेन्द्र गुढा इस विधानसभा क्षेत्र से दो बार बसपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन दोनों ही बार वे जीतने के बाद बसपा का दामन छोड़कर कांग्रेस सरकार में शामिल हो गए. दोनों ही बार वे गहलोत सरकार में मंत्री रहे. गुढा पहले गहलोत के नजदीकी माने जाते थे. लेकिन बाद में वे पायलट खेमे में आ गए और गहलोत के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की.
लाल डायरी को लेकर चर्चित हो गए थे गुढा
पिछले दिनों उन्होंने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सदन में अपनी ही सरकार को घेर लिया था. उसके बाद पहले उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया और फिर पार्टी से ही निकाल दिया गया. उसके बाद गुढा एक लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने दावा किया कि इस लाल डायरी में गहलोत सरकार के काले कारनामे छिपे हैं. इस दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. बाद में की गुढा की इस लाल डायरी देशभर में काफी सुर्खियां बटोरी थी.