राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए परिवर्तन यात्रा के जरिए माहौल तैयार करने के बाद अब बीजेपी ने आक्रामक रणनीति पर काम शुरु कर दिया है. पार्टी अब दूसरे राज्यों के फायर ब्रांड नेताओं को राजस्थान के चुनावी समर में उतार रही है. दूसरे राज्यों के नेता अगले दो महीने अलग अलग जिलों में जिम्मेदारी संभालेंगे. इसके अलावा जिलाध्यक्षों और प्रभारियों को भी हर विधानसभा केन्द्रीय कार्यक्रम दिए गए हैं. पार्टी ने मिशन राजस्थान पर तेज से काम करना शुरू कर दिया है. आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी जयपुर आ रहे हैं. वे यहां वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें करेंगे.
विधानसभा चुनावों में जीत के लिए बीजेपी ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. पार्टी ने राजस्थान का किला फतेह करने के लिए दूसरे राज्यों के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है. हर जिले में दूसरे राज्य से आए नेता अगले दो महीने तक कैम्प करेंगे. दूसरे राज्यों के भाजपा नेताओं के प्रवास को लेकर मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में समन्वय बैठक हुई. इसमें सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और प्रदेश पदाधिकारी सहित पड़ोसी राज्यों के प्रमुख नेता मौजूद रहे.
फायर ब्रांड नेता पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे
दूसरे राज्यों से आए नेता उनको दिए गए जिलों में विधानसभा सीटों में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे. बताया जा रहा है कि जातिगत आधार रखने वाले नेताओं को जाति बहुल क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके अलावा इन नेताओं को शक्ति केन्द्र, बूथ और मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं की बैठकें लेने के साथ ही प्रबुद्धजन के साथ भी संवाद करना होगा.
ये फायर ब्रांड नेता पहुंचे राजस्थान
राजस्थान में कैम्प करने वालों में दूसरे राज्यों के फायर ब्रांड नेता भी शामिल हैं. खासतौर पर हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के नेता राजस्थान पहुंच गए हैं. इनमें दिल्ली सांसद प्रवेश वर्मा, हाल ही में नई संसद में विवादित बयान को लेकर चर्चा में आए सांसद रमेश विधूड़ी, हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, ओमप्रकाश धनखड़ और यूपी सांसद विजयपाल सिंह तोमर शामिल हैं. इसके अलावा बीजेपी के जिलाध्यक्षों और स्थानीय प्रभारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बीजेपी हर चुनाव में पूरी ताकत से साथ उतरती है
बीजेपी हर चुनाव में पूरी ताकत से साथ मैदान में उतरती है. इसके लिए वह दूसरे राज्यों के नेताओं को भी झौंकने में कोई झिझक नहीं करती है. यही कारण है कि राजस्थान में भी दूसरे राज्यों के नेताओं की फौज उतार दी गई है. वे अगले दो महीने अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में अपना रणनीति कौशल दिखाएंगे और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे