रोहतक में हुए लाठीचार्ज को लेकर किसान आक्रोशित, जाम लगाकर मुख्यमंत्री का जलाया पुतला

कितलाना टोल पर धरना 101वें दिन में प्रवेश, सोमवार को भिवानी में एफसीआई दफ्तर का करेंगे घेराव


रणघोष अपडेट. चरखी दादरी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रोहतक दौरे का किसान द्वारा विरोध जताने पर हुए लाठीचार्ज को लेकर किसानों ने रोषस्वरूप सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी के बीच कितलाना टोल पर आधे घंटे का सांकेतिक जाम लगाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला जलाया। इससे दोनों तरफ साधनों की लंबी लाइन लग गई। इस दौरान एक एम्बुलेंस भी आई जिसे किसानों ने जाने दिया। आंदोलनकारियों ने जाम लगाते हुए कहा कि किसानों के बदन पर पड़ी एक एक लाठी सरकार के कफन में आखिरी कील साबित होगी। उन्होंने कहा कि समय आने पर हर चोट का बदला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार लाख जत्न कर ले लेकिन किसान, मजदूर आज अपने भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं और वो तीन काले कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। इसके लिए चाहे उन्हें कितनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़ जाए।

          

उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर कभी किसान नेताओं पर हमला किया जा रहा है तो कभी उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाते हुए किसान आंदोलन को दबाने और कुचलने की है। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं पर सरकार की कार्यवाही लोगों को भड़काने की है। उन्होंने सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि अब पानी नाक से ऊपर जा रहा है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार इन औछे हथकंडों से बाज आये।

            कितलाना टोल पर धरने के 101वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवंत नंबरदार, बिजेंद्र बेरला, प्रताप सिंहमार, महेन्द्र प्रजापति, गंगाराम श्योराण, राजसिंह जताई, रतन्नी देवी, कमलेश भैरवी, अनिल शेषमा ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर सोमवार को भिवानी में एफसीआई के दफ्तर पर भिवानी और दादरी दोनों जिले की सभी खाप, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठन सुबह 11 बजे इक्कठे होंगे और शाम 6 बजे तक घेराव करेंगे।

           धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, मास्टर शेर सिंह, राजू मान, रणधीर कुंगड़, रणधीर घिकाड़ा, नत्थूराम फौगाट, अजित सिंह सांगवान, दुष्यंत कलकल, संजय यादव, मंगल सुई, राजबीर बोहरा, जगदीश हुई, रामेश शर्मा, रत्तन सिंह, बुजन जांगड़ा, रामानंद धानक, अमर सिंह यादव, ओम चरखी, प्रकाश खानपुर, मौजीराम, नंदराम घिकाड़ा, ओमप्रकाश स्वामी इत्यादि मौजूद थे।

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