संसद के सत्र के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश और इससे संबंधित बिल का मुद्दा प्रमुखता से उठे और सरकार एवं विपक्ष के बीच इस पर जमकर तकरार हुई. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली में नौकरशाहों की तैनाती और तबादलों से जुड़े उस अध्यादेश का विरोध कर रही है, जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था. आम आदमी पार्टी का कहना है कि संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिये कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का पार्टी जमकर विरोध करेगी.
अब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा बन चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. कांग्रेस और दूसरे अन्य विपक्षी दल भी अध्यादेश के विरोध में उतर आए हैं. वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली सर्विस बिल पर कहा कि ‘यह सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई 2018 के जजमेंट के खिलाफ है. मैं इस बिल का विरोध करता हूं. आप डिवीजन कराइए. हमारे अपोजिशन लीडर ने बगैर प्रधानमंत्री के हाउस चलने दिया. चेस और लूडो का खेल चल रहा है.’
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