झूठी- कागजी वाही वाही लेने के लिए हमारे गुरुजी अपना कितना स्तर गिराएंगे
नंदरामपुर बास स्थित राजकीय सरकारी स्कूल में आधी अधूरी प्रयोगशाला कर दिया उद्घाटन
शिक्षा विभाग के जेई से अनुमति तो दूर सूचना तक नहीं दी
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
शिक्षा विभाग में अच्छा खासा वेतन लेने वाले अधिकारी एवं स्कूलों में कार्यरत जिम्मेदार शिक्षकों की मानसिकता को आखिर क्या हो गया है। क्यों मीडिया के जरिए झूठी वाही वाही लेने के लिए गुरु की गरिमा का स्तर गिराने में मर्यादा को शर्मसार कर रहे हैं। सबकुछ नजर आने के बावजूद गांव नंदरामपुर बास स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में खंड शिक्षा अधिकारी सत्यपाल धूपिया एवं खंड संसाधन संयोजक पृथ्वी सिंह यादव ने तीन दिन पहले भौतिकी, रसायन एवं जीव विज्ञान की आधी से ज्यादा अधूरी प्रयोशाला का विधिवत उदघाटन कर दिया। ऐसी क्या मजबूरी थी कि जिन प्रयोगशालाओं की ढंग से छत नहीं डली हो, फर्श तक नहीं बिछा हो, लिपाई तक नहीं हुई हो, आधे से ज्यादा अधूरा निर्माण हो। ऐसे में उद्घाटन कर झूठी वाही वाही लूटना क्या साबित करता है। अभी तक विधायक मंत्री अपनी राजनीति के लिए इस तरह की हरकतें करके बदनामी व विवादों में रहे हैं लेकिन शिक्षा अधिकारियों द्वारा आनन फानन में ऐसा करना कुछ ओर ही इशारा कर रहा है। शिक्षा विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो खंड संसाधन संयोजक पृथ्वी सिंह पहले इसी स्कूल के प्राचार्य रहे हैं वे दो बार इन प्रयोगशालाओं को लेकर भेजी गई ग्रांट को वापस भेज चुके हैं। यह तो उच्च शिक्षा अधिकारियों के हस्तक्षेप के चलते लैप्स ग्रांट को बचाने के लिए इसे जारी किया गया ताकि सरकारी स्कूलों में भी साइंस विषय के विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाए मिल जाए। इस पूरे मामले की सबसे गौर करने वाली बात यह रही कि इन प्रयोगशालाओं को तैयार करने की जिम्मेदारी निभा रहे समग्र शिक्षा के जेई संजय कुमार को पता तक नहीं की इन प्रयोगशालाओं का उदघाटन कर दिया गया है। नियमानुसार किसी भी भवन या कार्य के निर्माण होने पर संबंधित तकनीकी विभाग के अधिकारी से पूर्ण निर्माण कार्य की एनओसी लेनी अनिवार्य होती है। उनकी स्वीकृति के बाद ही उदघाटन होता है उसके तुरंत बाद नए भवन में कक्षाएं शुरू हो जाती है। यहां तक फर्श तो दूर तीनों प्रयोगशालाओं की छतों को ही पूरा नहीं किया गया है। संजय कुमार ने हैरानी जताई कि आधे अधूरे कार्य का उदघाटन कैसे हो गया। उन्हें सूचित नहीं किया गया।
स्कूल के शिक्षकों ने कहा दाल में काला, जांच होनी चाहिए
स्कूल के ही कुछ शिक्षकों ने कहा कि आनन फानन में प्रयोगशालाओं का उदघाटन करना सीधे तोर पर दाल में काला है। इसकी बड़े स्तर पर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस बारे में डीसी, एडीसी एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा।
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