वाह री सरकार! देश के लिए सिर्फ 57 फीसदी वैक्सीन, दर-दर भटक रहे लोग

देश में कोविड महामारी का प्रकोप जारी है, वहीं वैक्सीन की किल्लत भी हो गई। ऐसे में कोरोना टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है। वैक्सीन के अभाव में कई राज्यों ने वैक्सिनेशन पर विराम लगा दिया है। इस बीच केंद्र सरकार ने केरल उच्च न्यायालय में दायर हलफनामा में बताया है कि देश में उत्पादित सिर्फ 57 प्रतिशत वैक्सीन ही देशवासियों को दी जाती है।केद्र सरकार ने यह हलफनामा सोमवार को सार्वजनिक हित के मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा मुफ्त टीकाकरण करने में विफलता पर जवाब मांगने पर दायर किया।भारत में विभिन्न कंपनियां प्रतिदिन 28.33 कोरोना वैक्सीन की खुराक का उत्पादन करती हैं, लेकिन दस्तावेजों के मुताबिक प्रति दिन सिर्फ 12 से 13 लाख खुराक ही वितरित की जाती हैं।केंद्र ने न्यायालय को बताया कि देश में प्रति महीने करीब 8.5 करोड़ उत्पादित वैक्सीन की खुराकों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वितरण के संबंध में कोई निश्चित योजना नहीं है। इस में सीरम इंस्टीट्यूट प्रति महीने कोविशील्ड की 6.5 करोड़ खुराक उत्पादित कर रहा है , जबकि भारत बायोटेक कोवैक्सिन की दो करोड़ खुराक प्रति महीने उत्पादित करती है। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामा में यह स्पष्ट नहीं किया है कि जिनका वैक्सिनों का इस्तेमाल नहीं होता है, उनका क्या होता है।केंद्र सरकार ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक जून में अपने उत्पादन में वृद्धि करेंगे। वहीं मौजूदा समय में भारत में स्पूतनिक वैक्सीन के 30 लाख खुराकों का उत्पादन होता है, जिसे अगले महीने तक बढ़ाकर 1.2 करोड़ खुराक कर दी जाएगी।

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