शिक्षा की गरिमा एक बार फिर हुईं तार तार..

परीक्षा से डेढ़ घंटे पहले सोशल मीडिया पर दौड़ रहा था 12 वीं कैमिस्ट्री का प्रश्न पत्र..

ये परीक्षाएं नहीं सर्कस है, नकल कराने वाला जोकर, सीबीएसई बनी जादूगर सम्राट..   

रणघोष खास. प्रदीप नारायण

मंगलवार को सीबीएसई की मर्यादा- विश्वसनीयता गरिमा उस समय तार तार हो गईं जब 12 वीं की कैमिस्ट्री का प्रश्न पत्र विद्यार्थियों के हाथों में पहुंचने से डेढ़ घंटे पहले सोशल मीडिया पर आंसर की के साथ वायरल हो गया। एग्जाम शुरू होने से पहले इसकी जानकारी ईमेल व अन्य संसाधनों के माध्यम से सीबीएसई रीजनल कार्यालय पंचकूला एवं  हैड क्वार्टर दिल्ली पर भी पहुंचा दी गई थी। कमाल देखिए कोई एक्शन नहीं हुआ। सीबीएसई अधिकारियों ने इतना जरूर भरोसा दिलाया कि उनके पास रिपोर्ट आ गई है। हम एग्जाम होने के बाद कड़ा कदम उठाएंगे। यानि उसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर कोई नया खेल होगा।

ऐसे हालातों में देश के सभी अभिभावकों, होनहार विद्यार्थियों एवं ईमानदारी- लगन मेहनत से पढ़ाने वाले शिक्षकों से अपील है कि वे सीबीएसई द्वारा पहली बार नए तौर तरीकों से आयोजित की गईं इस परीक्षा के आने वाले परिणामों को गंभीरता से नहीं लें। अपने बच्चों को अभी से मानसिक तौर पर तैयार कर ले कि इस बार के  परीक्षा परिणाम में पढ़ाई में सबसे कमजोर समझे जाने वाला टॉपर आ जाए तो हैरान नहीं हो। हजारों- लाखों विद्यार्थियों के सभी विषयों में 100 में से 100 नंबर आ जाए तो हरगिज तनाव नहीं ले। इस बार परीक्षा नहीं सर्कस का आयोजन हो रहा है। परीक्षा केंद्र पर नकल कराने वाले जोकर एवं सीबीएसई जादूगर सम्राट बन चुकी है। इसलिए इंजवाय करें।

सीबीएसई का ऐसा कोई पेपर नहीं बचा जो लीक नहीं हुआ हो

सीबीएसई ने पहली बार परीक्षा को लेकर नया प्रयोग किया है जो उस पर पूरी तरह उस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। परीक्षा दो फेज में आयोजित की जा रही है। फेज वन में प्रश्न पत्र का स्वरूप ऑबजेक्टिव है। जिसमें विद्यार्थियों को एक सवाल के चार विकल्प मिलते हैं। सही का चयन कर ओएमआर सीट में भरना होता है। जहां परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं वहां सीबीएसई की एग्जाम शाखा सुबह 9.30 बजे ऑन लाइन प्रश्न पत्र भेज देती है। वहां डयूटी कर रही टीम उस प्रश्न पत्र का प्रिंट आउट निकालकर सेंटर पर बच्चों की संख्या के आधार पर उसकी फोटो कॉपी करती है। एक घंटे में इस कार्य को करना होता है। इसी दौरान यह प्रश्न पत्र केंद्र के अंदर चारों तरफ अलग अलग अंदाज में घूमता रहता है। इसी समय में बड़ी चालाकी से इसी प्रश्न पत्र की आंसर की भी फटाफट तैयार कर ली जाती है। सबकुछ बड़े शातिर अंदाज से किया जाता है। उसके बाद डयूटी दे रहे सुपरवाइजर की मदद से उन बच्चों की ओएमआर सीट को भरवा दिया जाता है जिसकी नकल का टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका था।

 दैनिक रणघोष लगातार एक्सपोज कर रहा यह खेल

दैनिक रणघोष पूरी जिम्मेदारी के साथ परीक्षा केंद्रों पर शिक्षा की गरिमा के साथ हो रहे दुराचार को लगातार एक्सपोज कर रहा है। उसकी गूंज सीबीएसई हैडक्वार्टर के एग्जाम कंट्रोलर तक पहुंच चुकी है। मंगलवार को भी लीक हुए प्रश्न पत्र के बारे में परीक्षा शुरू होने से पहले अवगत कराया जा चुका था। रेवाड़ी जिले के गांव नांगलमूंदी स्थित भारतीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल से फिजिक्स के प्रवक्ता दीपक यादव भी एग्जाम शुरू होने से डेढ़ घंटे पहले 10 बजे वायरल हुए  कैमिस्ट्री के प्रश्न पत्र को सीबीएसई के पास मेल से सूचित कर चुके थे।

पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है शिक्षा की नींव

10 वीं-12 वीं का एग्जाम किसी भी विद्यार्थी के भविष्य निर्माण की आधारशिला होती है। अगर नींव कमजोर होगी तो स्वभाविक है कि उस पर बना भवन किसी भी समय हलके झटके से ताश के पत्तों की तरह बिखर सकता है। इस बार सीबीएसई की परीक्षा में बैठे लाखों विद्यार्थियों का भविष्य भी बिखरे हुए पत्तों की तरह साफ नजर आ रहा है। पिछले साल कोविड-19 के हमलों में विद्यार्थी बिना परीक्षा दिए शत प्रतिशत नंबरों के साथ टॉपर घोषित हो गए थे। सोचिए ऐसी स्थिति में उन बच्चों के मानसिक स्तर पर क्या गुजरेगी जो दिन रात कड़ी मेहनत करते हैं और रजल्ट में पढ़ाई में सबसे कमजोर नकलबाजी से टॉप करता नजर आएगा।

 सीबीएसई का हेल्पलाइन नंबर भी फेल नजर आया

सीबीएसई ने परीक्षा को लेकर आने वाली किसी भी तरह की परेशानी के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया हुआ है। लगातार एक घंटे के बाद भी कार्यालय का नंबर 01722585163, हेल्प लाइन नंबर 1800118002 पर संपर्क नहीं हो पाया।

 अधिकारियों का तर्क पेपर कहां से लीक हुआ है उस सेंटर का पता चल जाएगा

सीबीएसई अधिकारियों का कहना है कि प्रश्न पत्र जिस भी सेंटर से लीक होगा उसके बारे में पता चल जाएगा। हर प्रश्न पत्र पर सेंटर का कोड लिखा होता है। एक अधिकारी ने ऑफ दा रिकार्ड बताया कि परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें दक्षिण हरियाणा से आ रही हैं। हम नजर रखे हुए हैं। एग्जाम के बाद कार्रवाई की जाएगी।

 अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे अधिकारी

जिस तरह नकल करने वाले विद्यार्थियों के पास से प्रश्न पत्र की आंसर की मिल रही है उसमें सभी सवालों के जवाब लगभग सही पाए गए हैं। उसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा में नकल का यह वायरस कितना फैल चुका होगा। सबसे बड़ी बात सुपरवाइजर स्कूलों से सेंटिंग कर बच्चों की ओमआर सीट भरवा रहे हैं। इतना सबकुछ उजागर होने के बाद भी सीबीएसई के अधिकारी समय पर एक्शन लेकर स्थिति को कंट्रोल नहीं कर पाए। वे चाहते हैं किसी तरह यह परीक्षा हो जाए ओर जान छूटे..।

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