संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने थामे रेल के पहिये

पातुवास- महराणा रेलवे ट्रैक पर महिलाओं, किसानों ने किया कब्जा


संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न खापों, सामाजिक, किसान, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों के सहयोग से किसानों ने आज रेवाड़ी- हिसार रेल मार्ग पर चरखी दादरी जिले के पातुवास महराणा रेलवे स्टेशन पर दोपहर 12 बजे से  4 बजे तक रेल रोको अभियान को पूर्णतया शान्तिपूर्ण ढंग से अमलीजामा पहनाया। इस बीच बड़ी संख्या में किसान और महिलाओं ने ट्रैक पर बैठकर नारेबाजी की। सबने एकजुटता दिखाते हुए कहा कि तीनों काले कानून रद्द होने और एमएसपी की गारंटी मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि  संयुक्त मोर्चा ने इस आंदोलन के दौरान जो भी कार्यक्रम घोषित किये हैं वो बेहद सफल रहे हैं। चाहे वो भारत बंद हो, महिला दिवस हो, किसान परेड हो या चार घंटे का जाम हो हर आयोजन एक से बढ़कर एक हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार जो मर्जी हथकंडे अपना ले लेकिन देश के अन्नदाताओं के साथ 36 बिरादरी ने ठान लिया है कि चाहे कोई भी कुर्बानी देनी पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे।   रेल रोक अभियान की अध्यक्षता बलवंत सिंह नंबरदार ने की वहीं मंच संचालन खाप सांगवान 40 के सचिव  नरसिंह डीपीई और अधिवक्ता भूपेंद्र सनवाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। वक्ताओं ने कहा कि 3 महीने से कड़कड़ाती ठंड में लाखों किसान अपनी जायज मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार जिद पकड़े बैठी है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वो किसानों को उकसाने और भड़काने से बाज आये।  इससे पहले सुबह 11 बजे से ही किसान पातुवास स्टेशन पर इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। ठीक 12 बजे सभी एक साथ रेलवे ट्रैक पर आ गए। सर्वजातीय खाप फौगाट 19 के प्रधान बलवंत नंबरदार, बिरोहड़ खाप 12 के प्रधान कपूर सिंह, किसान नेता राजू मान, सरपंच मनदीप फौगाट, सरपंच भूपेंद्र, सरपंच श्रीभगवान, पूर्व सरपंच कला सिंह  ने स्टेशन से 600 मीटर दूर रेवाड़ी की तरफ 40 फुट लंबा लाल कपड़ा टांग मार्ग रोक दिया। ऐसा ही लाल कपड़ा दादरी की और लगाया गया। दोनों ट्रैक पर महिला और किसान धरने पर बैठ गए। स्टेशन पर मंच लगाकर देशभक्ति की रागिनियां भी सुनाई गई। किसान इस बीच हुक्का भी गुड़गुड़ाते रहे। चाय पानी के साथ धरने पर नाश्ते की व्यवस्था भी की गई थी। इस अवसर पर बलवंत नम्बरदार, नरसिंह डीपीई, ओमप्रकाश कलकल, कपूर सिंह, राजबीर शास्त्री, प्रभुराम गोदारा, सुरजभान सांगवान, सुरेश फौगाट, शमशेर फौगाट, राजू मान, कमलेश भैरवी, जयभगवान मस्ताना, सुशील धानक, धर्मपाल महराणा, रामकुमार कादयान, राजकुमार घिकाड़ा, रामफल यादव, सरपंच राजीव यादव, सरपंच दिनेश, सरपंच आजाद सिंह, बबलू महराणा, अमित ढाणी फौगाट, रूपेश महराणा, मोनू, सतबीर, हेमराज, सत्यनारायण, नरेश, पवन, सुभाष, बलजीत फौगाट, सत्या लेघा, राजेश झोझू, अनीता खान, लीलाराम समसपुर, रणधीर घिकाड़ा, रामकुमार सोलंकी, रामप्रकाश, रतिपाल, मास्टर ताराचंद, सुरेन्द्र कुब्जानगर, संजय मंदोला, आचार्य देवी सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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