संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी , खोरी स्कूल में जिला स्तरीय कार्यक्रम

विद्यालय एवं समाज एक दूसरे के पूरक होते हैं। दोनों में संस्कार अनिवार्य हैं। संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी है। ये विचार मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी डॉ मृदुला सूद  ने आज ज़िले के गांव खोरी स्थित राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में व्यक्त किए। वे यहां स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित लैंगिक समानता के जिला स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थे। इस अवसर पर उन्होंने लैंगिक समानता क्लब पहचान का उद्घाटन भी किया।जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में जिला परियोजना अधिकारी राजेंद्र सिंह मुख्य वक्ता रहीं। खंड शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह खनगवाल ने स्वागताध्यक्ष की भूमिका निभाई।मुख्य अतिथि डॉ. शूद ने कहा कि हमें लैंगिक समानता के लिए धरातल पर काम करना होगा। उन्होंने लैंगिक भेदभाव को सामाजिक कलंक करार देते हुए इसे घर-परिवार व समाज से मिटाने का आह्वान किया। उन्होंने नरेंद्र नाथ दत्ता से स्वामी विवेकानंद बनने की साधना से जुड़े प्रेरक प्रसंग सुनाए। अध्यक्षीय संबोधन में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि स्वस्थ समाज हेतु लैंगिक समानता आवश्यक ही नहीं अपितु अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में रेवाड़ी पहला जिला है, जहां सभी स्कूलों में लैंगिक समानता हेतु पहचान क्लब गठित किए गए हैं। जिला परियोजना अधिकारी राजेंद्र सिंह ने लैंगिक भेदभाव मिटाना आज की जरूरत बताया। क्लब की प्रभारी डॉ अनिता यादव ने क्लब के उद्देश्यों को रेखांकित किया।

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