17 फरवरी 2021 बुधवार को एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने खातोली जाट के स्टोन क्रेशर केएसवाई बिल्डिंग की दोबारा जांच के आदेश दिए एवं संबंधित अधिकारियों को एक माह के अंदर अंदर तथ्यपरक, तर्कसंगत व पूर्ण कार्रवाई रिपोर्ट एनजीटी को ईमेल के द्वारा भेजने के सख्त निर्देश दिए हैं। आगामी सुनवाई हेतु अगली तारीख माननीय एनजीटी द्वारा 19 अप्रैल 2021 निर्धारित की गई है। ज्ञात रहे कि इंजीनियर तेजपाल यादव नें महेंद्रगढ़ जिले, विशेषकर नांगल चौधरी क्षेत्र के दर्जनों गांव की बर्बाद होती फसलों व आने वाली नस्लों और पूरे क्षेत्र के लोगों को सिलिकोसिस, टीबी, दमा, अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों में जकड़ते देखकर इस संघर्ष की शुरुआत 3 वर्ष पहले की थी! अवैध रूप से व अंधाधुंध चल रहे स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल ने क्षेत्र के हजारों लोगों की सांसो पर पहरा सा बिठा दिया था एवं हजारों एकड़ भूमि स्टोन क्रेशरों से उड़ने वाली डस्ट से प्रभावित होकर नष्ट हो चुकी थी, तब उन्हें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का यह वाक्य याद आया कि “शिक्षा उस शेरनी का दूध है, जो पियेगा वही दहाड़ेगा एवं उस शिक्षा का कोई मतलब नहीं जो दबे, कुचले, वंचितों, गरीबों, शोषितों के काम ना आ सके”! इस वाक्य को चरितार्थ करने हेतु इस युवा नौजवान ने एक धुन सवार होकर बड़े-बड़े पूंजीपतियों व सरकार के खिलाफ संघर्ष का बीजारोपण किया। आदेशानुसार याचिकाकर्ता इंजीनियर तेजपाल यादव ने खातोली जाट के स्टोन क्रेशर की दूरी मापदंड व पर्यावरण नियमों की अवहेलना संबंधी शिकायत की जिस पर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग, जिला उपायुक्त महेंद्रगढ़ की कमेटी बनाकर इन्हें एक तथ्यात्मक व कार्रवाई रिपोर्ट आगामी 1 महीने के अंदर सौंपने के आदेश दिए, इस आदेश की एक प्रतिलिपि एनजीटी द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग, जिला उपायुक्त महेंद्रगढ़ को ईमेल द्वारा भी भेजी गई है।