स्वामी उमा भारती पब्लिक स्कूल के पैरेंट्स भी हर साल प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदकर तंग आ चुके है। और ये किताबें भी स्कूल हर वर्ष बदल देता हैं। ताकि हर साल किताबो का कमीशन निरंतर मिलता रहे। जबकि सरकार द्वारा सभी प्राइवेट स्कूलों में एन सी ई आर टी की ही किताबें लगवाने का नियम बनाया हुआ है। इसी संदर्भ में समाजसेवी संजय शर्मा ने इस स्कूल के कार्यवाहक प्रशासक नायब तहसीलदार रेवाड़ी को NCERT की किताबें लगवाने के नियमों की पूर्णतया अनुपालना को लेकर एक पत्र लिखा है। अन्य प्राइवेट स्कूलों के साथ साथ स्वामी उमा भारती पब्लिक स्कूल द्वारा भी सरकार के नियमों की अवहेलना करना कही ना कहीं प्रशासन की निजी बुक सेलर्स से मिलीभगत की तरफ इशारा करता है। क्योंकि इस स्कूल की मैनेजमेंट भंग होने के कारण सरकार द्वारा नायब तहसीलदार रेवाड़ी को इस स्कूल का कार्यवाहक प्रशासक नियुक्त किया गया है। अनेक अभिभावकों का कहना है कि स्कूल द्वारा इस साल भी NCERT की किताबें नहीं लगाई गई तो स्कूल व प्रशासन के खिलाफ सड़को पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।