हिमाचलः सुक्खू हटाए जा सकते हैं कांग्रेस आलाकमान के तेवर कड़े

रणघोष अपडेट. देशभर से 

हिमाचल प्रदेश में सरकार के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश हो गई और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भनक तक नहीं हुई। कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व ने इसमें सुक्खू की कमी पाई है। कांग्रेस ने बुधवार 28 फरवरी को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेस की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी पर्यवेक्षकों डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से बात की। उनसे सभी विधायकों से बात करने, हिमाचल प्रदेश संकट पर व्यापक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। जयराम रमेश ने कहा कि ”कांग्रेस सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी क्योंकि पार्टी हमारी प्राथमिकता है। व्यक्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। हिमाचल में जनादेश के साथ विश्वासघात नहीं होने देंगे। हिमाचल प्रदेश के लोगों ने पीएम, जगत प्रकाश नड्डा, अनुराग ठाकुर और जयराम ठाकुर को खारिज कर दिया था। जनादेश कांग्रेस पार्टी को था। इसलिए, इस जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मोदी सरकार के पास केवल एक ही गारंटी है – सभी कांग्रेस सरकारों को गिरा देना। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”कांग्रेस आलाकमान ने दोनों हिमाचल पर्यवेक्षकों डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जो रिपोर्ट मांगी है, उसके दो भाग होंगे। पहला भाग- क्रॉस वोटिंग के पीछे किसकी जवाबदेही है और दूसरा भाग- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की भविष्य की कार्रवाई क्या हो। दरअसल, इसी दूसरे पार्ट की रिपोर्ट में सुक्खू का भविष्य लटका हुआ है। अगर डीके शिवकुमार और हुड्डा उन्हें हटाने की सिफारिश करते हैं तो सुक्खू को हटा दिया जाएगा।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और कांग्रेस अध्यक्ष के कदम से साफ हो गया है कि अगर हिमाचल में सरकार बचाने के लिए सुक्खू की कुर्बानी देना पड़े तो वो देगी और उनकी जगह कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह या विक्रमादित्य को सीएम बना सकती है। लेकिन यह स्थिति शाम तक ही साफ हो पाएगी। क्योंकि बुधवार शाम को कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक करके नया नेता चुना जा सकता है।

सुक्खू ने क्या कहाः अपने इस्तीफे की अफवाहों के बीच हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसी ने भी उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है और न ही उन्होंने पद छोड़ने की पेशकश की है। उन्होंने कहा, “हम बहुमत साबित करेंगे। हम जीतेंगे, हिमाचल की जनता जीतेगी।”इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का भी बयान सामने आया है। प्रियंका ने कहा- लोकतंत्र में आम जनता को अपनी पसंद की सरकार चुनने का अधिकार है। हिमाचल की जनता ने अपने इसी अधिकार का इस्तेमाल किया और स्पष्ट बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनाई। लेकिन भाजपा धनबल, एजेंसियों की ताकत और केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग करके हिमाचल वासियों के इस अधिकार को कुचलना चाहती है। इस मक़सद के लिए जिस तरह भाजपा सरकारी सुरक्षा और मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है, वह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है। प्रियंका ने कहा- 25 विधायकों वाली पार्टी यदि 43 विधायकों के बहुमत को चुनौती दे रही है, तो इसका मतलब साफ है कि वो प्रतिनिधियों के खरीद-फरोख्त पर निर्भर है। इनका यह रवैया अनैतिक और असंवैधानिक है। हिमाचल और देश की जनता सब देख रही है। जो भाजपा प्राकृतिक आपदा के समय प्रदेशवासियों के साथ खड़ी नहीं हुई, अब प्रदेश को राजनीतिक आपदा में धकेलना चाहती है। हिमाचल विधानसभा में स्पीकर ने 15 भाजपा विधायकों को निष्कासित कर दिया है। स्पीकर ने के निर्देश पर 7 भाजपा विधायकों को जनक राज, रणबीर सिंह निक्का, बलबीर वर्मा और सुरिंदर शौरी, हंसराज, पूरन चंद और इंदर सिंह को सदन से मार्शलों ने हटा दिया।