2024 में होगी राजनीति में वोटों की असली शॉपिंग

– इस शापिंग मॉल में सभी वैरायटी के नेता गांरटी के साथ मिलते नजर आएंगे 


–अभी तो मोल- तोल चल रहा है 


WhatsApp Image 2023-06-25 at 10.19.09 PMरणघोष खास. प्रदीप नारायण

देश में इन दिनों छोटे- बड़े शहरों, कस्बे व गांवों में शॉपिंग मॉल के अंदाज में राजनीतिक सभाएं, कार्यक्रम, रैलियां हो रही है।  वोटरों की भीड़ जुटाकर दावा किया जा रहा है कि किसकी दुकान में माल की वैरायटी बेहतर है। राजनीति का चरित्र और तौर तरीका पूरी तरह से बाजार के फॉरमेट पर लागू हो चुका है। जिस तरह ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कई तरह की स्कीमें, ऑफर, छूट और तरह तरह का दावा किया जा रहा है। उसी तरह राजनीतिक पार्टियां एवं दिग्गज नेता भी 2024 के लोकसभा एवं कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की गारंटी के लिए अभी से वोटों के बाजार में अपनी दुकान खोलकर चिल्लाना शुरू कर दिया है। आपको सबकुछ धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की दुकान व होटलों की तरह नजर आएगा। इन दुकानों के बाहर दुकानदार आने जाने वाले श्रद्धालुओं के सामने हाथ जोड़कर अपनी दुकान से प्रसाद खरीदने व भोजने करने के लिए जोर अजमाइश करते नजर आएंगे। आप दर्शन के लिए जा रहे हैं तो जूतें चप्पल यहां रखकर जा सकते हैं उसकी नि:शुल्क निगरानी होगी। यह फार्मूला कई सालों से सफलता के साथ दौड़ रहा है। जिसे अब हमारे नेताओं ने भी राजनीति में पूरी तरह से अपना लिया है। वोटों के लिए वे कुंआरे लड़कों की शादी कराने तक की गारंटी ले रहे हैं। दरअसल हम जो आपको बता रहे हैँ। इसमें नया कुछ नहीं है। कई सालों से यह ट्रेंड चल रहा है बस हर पांच साल में स्टाइल चेंज हो जाता है।

अब तो नेताओं ने गारंटी भी लेनी शुरू कर दी है

पीएम नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले भोपाल में हुई रैली में विपक्षी दलों पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि जिस तरह जनता को गुमराह करने के लिए ये नेता तरह तरह की गारंटी ले रहे हैं। उसी तरह वे भ्रष्ट नेताओं को जेल में पहुंचाने की गारंटी लेते हैं। पीएम मोदी के इस  बयान से राजनीति के बाजार में गारंटी की स्कीम में जबरदस्त उछाल आ गया। अब हर छोटा बड़ा नेता वोट के लिए पहले गारंटी देने लगा है। एमपी के सीएम शिवराज चौहान ने तो मोदी जी के भाषण के तुरंत बाद अपने राज्य में इसी गांरटी को लागू करने का एलान कर दिया। मतदाताओं के लिए इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है कि उनके वोटों की भी बीमा पॉलिसी की तरह गांरटी के साथ वैल्यू बढ़ गई है। यहां चिंता इस बात की है कि राजनीति के शॉपिंग माल में जाति- धर्म के नाम पर गारंटी लेने व देने की दुकानें हथियानें को लेकर मारा मारी नहीं हो जाए। अगर ऐसा हो गया तो समझ जाइए शॉपिंग मॉल में प्रसाद खरीदने के नाम पर दुकानों पर नजर आने वाले चप्पल व जूतों के ढेर ही नजर आएंगे। आपसी भाईचारे व प्रेम का प्रसाद तो बंटने से पहले ही बिखरकर पैरो के नीचे मिटटी में मिला दिया जाएगा। यहां पत्येक भारतीय की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वह राजनीति के इस शॉपिंग मॉल में जमकर खरीददारी करें लेकिन अपने दिलों दिमाग पर किसी को हावी नहीं होने दे।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *