निकिता मर्डर केस में तौसिफ को जल्दी सजा दिलाने को पुलिस ने बनाई पूरी योजना

निकिता तोमर हत्याकांड में शुक्रवार को अदालत में एसआईटी(स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) ने चार्ज शीट दाखिल कर दी है। इसके साथ ही पुलिस ने एक और कदम बढ़ाते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए आवेदन कर दिया है। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह के निर्देश पर शहर थाना प्रभारी सुदीप कुमार ने निकिता तोमर हत्याकांड मामले की फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई के लिए शुक्रवार को यह आवेदन किया। पुलिस इस मामले की पैरवी करने के लिए पूरी योजना तैयार कर चुकी है, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों को फास्ट कोर्ट से सजा दिलाई जा सके।
28 सौ पेज फोटोस्टेट कर तैयार करवाई गई चार चार्ज सीट
एसआईटी की ओर से तैयार की गई चार्ज सीट 700 पेज की है। एसआईटी को चार्ज सीट दाखिल कराने से पहले करीब दो घंटे तक 28 सौ पेज फोटोस्टेट कर अलग-अलग चार फाइलें तैयार करवाई गई। सुविधा केंद्र पर चार्ज सीट जमा कराए जाने के बाद संबंधित फाइलें सेनेटाइज किए जाने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी राकेश कादयान की अदालत में जानी हैं। जहां मामले की सुनवाई की शुरूआत की जाएगी। नियमानुसार किसी भी मामले में चार्जसीट से संबंधित सभी दस्तावेज आरोपियों को दिए जाते हैं। निकिता हत्याकांड में तीन आरोपी है, जिन्हें अदालत की ओर से चार्ज सीट से संबंधित फाइल देकर उन पर लगे आरोपों से अवगत कराया जाता है। इसके लिए 28 सौ पेज फोटो स्टेट करवाए गए।
चार्ज सीट में वर्ष 2018 में हुए अपरहण का भी उल्लेख
शुक्रवार को पेश की गई चार्जशीट में एसआइटी ने साल 2018 में आरोपित तौशीफ द्वारा किए गए निकिता के अपहरण का उल्लेख किया है, मगर उससे संबंधित कोई अन्य तथ्य शामिल नहीं किया। इस मुकदमे में निकिता के स्वजनों ने अदालत में हलफनामा दे दिया था। इसलिए इसकी जांच फिर से शुरू करने के लिए अदालत की मंजूरी जरूरी है। एसआइटी ने मुकदमे की दोबारा जांच की मंजूरी के लिए अदालत में आवेदन कर दिया है। 9 नवंबर को उस पर सुनवाई होगी। जांच के दौरान पुलिस तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी। जांच पूरी होने पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट अदालत में पेश की जाएगी।
64 गवाहों में पुलिस अफसर व कॉलेज स्टाफ भी शामिल
निकिता तोमर हत्याकांड में निकिता की सहेली, परिजन, पुलिस अधिकारी, डॉक्टर, चश्मदीद गवाहों के अलावा सीसीटीवी फुटेज वालों को भी गवाह बनाया गया है।
साइबर सेल की मदद से रखी जाएगी पूरी नजर
निकिता हत्याकांड मामले में एसआइटी ने लव जिहाद का एंगल फिलहाल चार्जशीट में शामिल नहीं किया है। एसआईटी ने साइबर सेल की मदद से जांच के दौरान अब आरोपियों व उनसे जुड़े उनके दोस्तों के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे अकाउंट खंगाले हैं। इनकी जांच में एसआइटी को सभी की अलग-अलग कई लड़कियों से दोस्ती व बातचीत होने की जानकारी सामने आई है। अभी तक लव जेहाद जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। इसके लिए तौशीफ़ और निकिता के मोबाइल फोन जांच के लिए भेजे गए हैं। अगर लव जिहाद की कोई बात सामने आएगी तो पूरक चार्जशीट पेश की जाएगी। मामले पर पूरी नजर रखे हुए हैं।
इससे पहले फरीदाबाद पुलिस सात दिन में कर चुकी है चार्जशीट पेश
निकिता हत्याकांड मामले में गठित एसआइटी ने घटना के महज 12 दिन में सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर चार्जशीट पेश कर मुकदमे की जल्द सुनवाई का रास्ता साफ कर दिया है। इससे पहले एक अन्य मामले में साल 2018 में फरीदाबाद पुलिस सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में महज सात दिन के अंदर चार्जशीट पेश करके अपनी क्षमता का परिचय दे चुकी है। दोनों ही मामलों में गठित एसआइटी में एसआइ अनिल कुमार और एसआइ ब्रह्मप्रकाश ने अहम भूमिका निभाई। सितंबर 2018 में दोस्त के साथ मोटरसाइकिल पर घूमने आई युवती को बंधक बनाकर आगरा नहर किनारे चार युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई थी। एसआइटी ने 12 घंटे के अंदर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद महज सात दिन में अदालत में चार्जशीट भी पेश कर दी थी। यह मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला था। एक साल के अंदर सभी आरोपितों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

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