जेल से बाहर आने के बाद लालू एक्शन में, पहले नीतीश अब 9 मई को कार्यकर्ता

जेल से बाहर आते ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद सक्रिय राजनीति में लौट आए हैं। लालू नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ नौ मई को सभी विधायकों और विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाए सभी आरजेडी प्रत्याशियों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे। आरजेडी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी गई है। इस बारे में पार्टी नेता शक्ति यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी नेता मीटिंग में जुड़ेंगे और लालू यादव का मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। लोकतंत्र और देश दोनों को महफूज रखना जरूरी है। आज देश में सरकार नाम की चीज़ नहीं है। लालू यादव ने 2014 में ही भविष्यवाणी की थी, लोगों को आगाह किया था कि अगर मौजूदा सरकार की हाथों में देश जाएगा तो नतीजा बुरा होगा।आरजेडी में इस बार बड़ी संख्या में विधायक पहली बार चुनकर आए हैं। लालू उन्हें कोरोना काल में लोगों की सहायता करने एवं अन्य सलाह देंगे। बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में किस्मत आजमा चुके सभी नेताओं को बुलाया गया है।आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पटना हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणियों का हवाला देते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। लालू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार की पूरी स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप देने की बात कही है। लालू प्रसाद ने आरोप लगाया है कि महामारी में भी राज्य सरकार गंभीर और मानवीय नहीं है। सवाल किया है कि जंगलराज चिल्लाने वाले अब कहां दुबके हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि कोई तो बिहार सरकार को नैतिकता, जवाबदेही, अंतरात्मा, कर्तव्यबोध सिखा दे।पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा कि हाई कोर्ट ने भी राज्य की नीतीश सरकार को टोटल फेल्योर बताया है। कहा कि इस महामारी में बिहार सरकार कहीं नहीं दिख रही। आम आदमी इधर-उधर दौड़ कर मदद की गुहार लगा रहा है। चाहे ऑक्सीजन हो, दवाई हो, अस्पताल में भर्ती और यहां तक कि दाह-संस्कार करना हो। राबड़ी ने कहा कि इतनी निष्क्रिय सरकार इतिहास में नहीं देखी होगी।

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