कोरोना की कौन सी वैक्सीन सबसे ज्यादा असरदार, जेब पर कौन नहीं पड़ेगी भारी? जानिए हर वह जानकारी जो आपके लिए है जरूरी

सालभर से दुनिया के तकरीबन सभी देशों में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लोगों की नजरें अब सिर्फ वैक्सीन पर ही टिकी हुई हैं। कई देशों में विभिन्न कोरोना वैक्सीन्स पर ट्रायल चल रहे हैं तो कई वैक्सीन्स ने तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल पूरे कर लिए हैं। कुछ वैक्सीन्स के दामों का ऐलान भी हो चुका है। फाइजर, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना वैक्सीन्स की तीसरे ट्रायल की रिपोर्ट्स आ गई हैं। वहीं, भारत में बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल भी शुरू हो चुका है और आने वाले समय में उसका डाटा भी सामने आ जाएगा। भारत में भी माना जा रहा है कि अगले साल की पहली तिमाही में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का भारत में प्रोडक्शन करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला का दावा है कि भारत में सभी को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए तकरीबन चार साल का समय लग जाएगा। अब जब जल्द ही कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होने वाली है, तो हम सभी प्रमुख टीकों की कीमत, वे कितनी प्रभावी हैं और उनसे जुड़ी हर एक बातों की जानकारी देने जा रहे हैं। जानिए…

 

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ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीका

भारत में जिस कोरोना वैक्सीन को लेकर सबसे अधिक इंतजार है, उसमें से ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्वीडिश-ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन है। इस वैक्सीन को भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) बना रही है। यह वैक्सीन  62 से 90 फीसदी तक प्रभावी साबित हुई है। कोविड-19 महामारी के टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के अंतरिम परिणाम सोमवार को जारी किए गए हैं। शुरुआती संकेतों से लगता है कि यह टीका बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में वायरस के प्रसार को कम कर सकता है। दो ट्रायल के संयुक्त विश्लेषण के आधार पर टीका औसतन 70 फीसदी प्रभावी रहा है। भारत में इस टीके को कोविशील्ड नाम दिया गया है। इस टीके को कम से कम छह महीनों के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में सुरक्षित रखा जा सकता है।

कितना होगा दाम?

टीके के दाम के बारे में बात करें तो एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल ही में हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2020 में जानकारी दी थी कि भारत में 500-600 रुपये के बीच एक पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि बड़ी मात्रा में सरकार वैक्सीन को खरीदेगी, जिसकी वजह से उसे कम कीमत में मिलेगी। एसआईआई हर महीने 10 करोड़ डोज का उत्पादन करेगा। पूनावाला ने बताया था कि भारत में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के आने में अभी सिर्फ 3-4 महीनों का वक्त लगेगा। 

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अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना द्वारा बनाई जा रही कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर इसी महीने एक अच्छी खबर मिली थी। कंपनी ने हाल ही में दावा किया था कि उसका टीका मजबूत सुरक्षा उपलब्ध कराता है और यह कोरोना वायरस के खिलाफ तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल में 94.5 फीसदी प्रभावी है। मॉडर्ना की वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है। अगर इसे छह महीने तक रखना हो तो माइनस 20 डिग्री तापमान करना होगा। मॉडर्ना के सीईओ स्टीफेन बैन्सेल ने एक जर्मन अखबार को बताया है कि कंपनी को इस वर्ष के अंत तक टीके की दो करोड़ खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है और यूरोप को इस वर्ष तक यह कम मात्रा में ही उपलब्ध हो पाएगी। 

जानिए क्या होगी वैक्सीन की कीमत

कोरोना वायरस की वैक्सीन मॉडर्ना इंक ने बीते रविवार को अपने टीके के दाम का ऐलान किया है। हालांकि, भारत में यह टीका महंगा होगा। कंपनी के अनुसार, इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 1800 से 2800 रुपये के बीच होगी। मॉडर्ना के सीईओ स्टीफेन बैन्सेल ने बताया है कि महामारी की गंभीरता को देखते हुए 25 से 37 डॉलर प्रति खुराक टीके का उचित मूल्य है। सभी को दो टीके की दो खुराक लेनी होगी। यानी की यह उन्हें 50 से 70 डॉलर का पड़ेगा।

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फाइजर की कोरोना वैक्सीन

दुनियाभर के अरबों लोगों को कोरोना वायरस की जिन वैक्सीन्स का बेसब्री से इंतजार है, उनमें फाइजर एक है। फाइजर ने अपने कोरोना टीके के तीसरे और आखिरी चरण के ट्रायल के बाद जानकारी दी है कि वह 95 फीसदी प्रभावी है। अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की उसकी साझेदार बायोएनटेक के बनाए कोरोना टीके की अनुमति के लिए बीते शुक्रवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) में आवेदन किया गया था। इसके लिए 10 दिसंबर को बैठक होनी है। टीकाकरण कार्यक्रम के प्रमुख डॉक्टर मोनसेफ स्लाउ ने कहा कि मंजूरी मिलने के 24 घंटे के अंदर टीकों को टीकाकरण कार्यक्रम स्थलों तक पहुंचा देंगे और 11 या 12 दिसंबर से टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।  वहीं, फाइजर कंपनी के टीकाकरण में 21 दिन के अंतर पर टीकों की दो खुराकें सुई लगाकर दी जाएंगी।

जानिए क्या होगी कीमत

कोरोना महामारी के खिलाफ अंतिम चरण के परीक्षण में 95 फीसदी असरदार साबित हुई फाइजर एवं बायोएनटेक की संयुक्त वैक्सीन की कीमत करीब 1,446 रुपये यानी 19.50 डॉलर प्रति खुराक होगी। इसका मतलब है कि इस टीके की दो खुराक पर प्रति व्यक्ति 39 डॉलर का खर्च आएगा। 

सबसे पहले किसे लगेगी कोरोना वैक्सीन?

अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि सबसे पहले किन लोगों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी, लेकिन विभिन्न एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश में उपलब्ध होने के बाद सबसे पहले इन वैक्सीन्स को कोरोना वॉरियर्स को लगाया जाएगा। हाल ही में एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने भी कहा था कि सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बुजुर्गों के लिए टीका उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके तीन-चार महीने के बाद यह आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगा। वहीं, भारत में बच्चों को कोरोना टीके के लिए अधिक इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि यह संक्रमण उनके लिए कम खतरनाक है। पूनावाला का कहना है कि बच्चे कोरोना वायरस के कैरियर हो सकते हैं, हालांकि हो सकता है कि उनका टीकाकरण सबसे बाद में हो। बच्चों के लिए टीका उपलब्ध होने में 4 महीने से अधिक का समय लग सकता है, क्योंकि वे कम आघात योग्य हैं।

 

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