पश्चिम बंगाल: राज्‍यपाल ने टीएमसी के 4 नेताओं के खिलाफ केस चलाने की दी मंजूरी

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल में ठन गई है। राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने ममता बनर्जी कैबिनेट के शपथ लेने के कुछ घंटे पहले चार पूर्व मंत्रियों और टीएमसी  नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआईI को मंजूरी दे दी है। ये चारों नेता आज सोमवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। जिन चार नेताओं के खिलाफ राज्यपाल ने सीबीआई केस चलाने की इजाजत दी है, उनमें फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी का नाम शामिल है। वहीं, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को पश्चिम बंगाल पुलिस ने समन जारी किया है। उन्हें नोटिस प्राप्त होने के 3 दिन के अंदर हरोरा पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा गया है। उन्हें सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस दिया गया है।

पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल में शारदा स्कैम और नारदा स्कैम लगातार चल रहे हैं। इन मामलों की सीबीआई जांच भी कर रही है। अलग-अलग नेताओं के नाम इन मामलों में आए हैं। इन नेताओं के खिलाफ मामले चलाने को लेकर राज्यपाल से मंजूरी ली गई है।

सोमवार को पश्चिम बंगाल में कुल 43 मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इसमें 24 कैबिनेट मंत्री, 10 स्वतंत्र प्रभार (राज्य मंत्री) और 9 राज्य मंत्री होंगे। इस सूची में पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर और पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी का नाम भी शामिल है।

टीएमसी नेता अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी, साधन पाण्डे, ज्योतिप्रिय मल्लिक, ब्रात्य बसु, बंकिम चंद्र हाजरा, अरूप विश्वास, मलय घटक, डॉ मानस भुइयां, सोमेन महापात्र, उज्ज्वल विश्वास, अरूप राय, फिरहाद हकीम, रथीन घोष, डॉ शशि पांजा, चंद्रनाथ सिंह, शोभनदेव चटोपाध्याय, पुलक राय, गुलाम रब्बानी, विप्लव मित्र, जावेद खान, सपन देबनाथ और सिद्दिकुल्ला चौधरी कैबिनेट मंत्री बनेंगे। इससे पहले बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव और डीजीपी द्वारा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बारे  में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत नहीं कराने के लिए नाराजगी जताई। राज्यपाल ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराने के लिए शनिवार शाम राजभवन बुलाया था। दोनों अधिकारियों से मुलाकात के बाद धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों अधिकारी मांगी गई रिपोर्ट के साथ नहीं आए। उन्हें बिना किसी देरी के रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया. इस तरह का रुख बहुत पीड़ादायक है।’

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