धोखाधड़ी का सबूत नहीं, लोगों की मदद कर रहे थे श्रीनिवास, पांडेय: दिल्ली पुलिस

भारत के लिए बेहद ख़तरनाक साबित हुई कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लोगों की मदद करने में जुटे युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी बेदाग साबित हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया है कि श्रीनिवास बीवी सहित बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय लोगों की मदद कर रहे थे और शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन पर लगे कोरोना की दवाइयों की कालाबाज़ारी और अवैध वितरण के आरोपों में सच्चाई नहीं है। पुलिस ने कुछ दिन पहले श्रीनिवास बीवी के अलावा, दिलीप पांडेय और गौतम गंभीर से भी इस मामले में पूछताछ की थी। दिल्ली पुलिस ने अदालत को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा है, “श्रीनिवास बीवी सहित बाक़ी लोगों ने मदद के लिए किसी भी व्यक्ति से कोई पैसा नहीं लिया और किसी के साथ भी कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है। इन लोगों ने बिना किसी भेदभाव के अपने मन से मदद की है।”

पुलिस ने मांगा और वक़्त

हालांकि इस रिपोर्ट को दाख़िल करते वक़्त पुलिस ने अदालत से पूरे मामले की बारीकी से जांच के लिए छह हफ़्तों का वक़्त मांगा है। पुलिस ने रिपोर्ट के साथ ही श्रीनिवास, गंभीर, दिलपी पांडेय, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, कांग्रेस नेता अली मेहदी, अशोक बघेल और पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीक़ी के बयानों को भी अदालत के सामने रखा है।

क्यों हुई थी पूछताछ?

डॉ. दीपक सिंह नाम के शख़्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा था कि कुछ राजनेता कोरोना की दवाइयों के अवैध वितरण में शामिल हैं। इस पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को जांच करने का निर्देश दिया था। इस याचिका में श्रीनिवास बीवी, गौतम गंभीर, दिलीप पांडेय के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा और बीजेपी सांसद सुजॉय विखे का भी नाम शामिल था। याचिका में मेडिकल माफ़िया और राजनेताओं का गठजोड़ होने की बात कही गई थी और श्रीनिवास और उनकी टीम पर भी आरोप लगाया गया था कि ये लोग कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों को अवैध रूप से बांट रहे हैं।

‘बिना रूके करते रहेंगे काम’

दिल्ली पुलिस के द्वारा पूछताछ करने के बाद श्रीनिवास ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था, “हम अपना काम नहीं रोकेंगे और बिना रुके काम करते रहेंगे। जब हमने कुछ भी ग़लत नहीं किया है तो हम क्यों डरें। अगर हमारी छोटी-छोटी कोशिशों से किसी की जान बच जाती है तो हम नहीं रुकेंगे और इस तरह की जनहित याचिकाओं से नहीं डरते।” श्रीनिवास ने पुलिस से कहा था कि कोरोना महामारी के ऐसे वक़्त में जब केंद्र सरकार ने लोगों को उनके हालात पर छोड़ दिया है, जो लोग पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। दिलीप पांडेय ने भी पुलिस को बताया था कि जनप्रतिनिधि होने के नाते ही वह अपनी टीम के साथ पीड़ित लोगों की मदद कर रहे हैं।

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