कलायत के शिमला गांव में सरकारी अधिकारियों के प्रवेश पर महापंचायत ने लगाया प्रतिबंध

भारतीय किसान यूनियन के साथ 36 बिरादरी ने चौपाल पर सर्व सम्मति से लिया निर्णय


हिसार में किसानों पर हुए लाठी चार्ज और खेतों में बिजली मीटर लगाने से ग्रामीण क्षुब्ध


रणघोष अपडेट. कैथल. नरेश भारद्वाज


चंडीगढ़-हिसार राष्ट्रीय मार्ग स्थित गांव शिमला में प्रशासन के विभिन्न विभागों से संबंधित अधिकारियों के प्रवेश पर ग्रामीणों ने रोक लगाने का ऐलान किया है। हिसार में 16 मई को किसानों पर हुए लाठी चार्ज, मोटर पंपों के  नाम पर कुछ कंपनियों द्वारा मनमानी कीमत वसूलने और खेतों के नलकूप कनेक्शन पर मीटर लगाने के विरोध में ग्रामीणों ने यह कदम उठाया है। भारतीय किसान यूनियन हलका प्रधान जिले सिंह मोर की रहनुमाई में गांव की चौपाल पर मंगलवार को आयोजित महापंचायत में यह फरमान सुनाया गया। इसमें 36 बिरादरी के प्रतिनिधि शामिल हुए। साथ ही यह हिदायत दी गई है सरकार की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यदि किसी भी विभाग से जुड़े अधिकारी के साथ गांव में जबरन प्रवेश करने पर कोई घटना होती है उसके लिए शासन-प्रशासन जिम्मेवार होगा। भाकियू हलका प्रधान जिले सिंह मोर और किसान युवा कार्यकारिणी सदस्य आशीष मोर ने बताया कि खेतों में नलकूप कनेक्शन के नाम पर किसानों पर गैर वाजिब नियम थोपे जा रहे हैं। जिस मोटर पंप की कीमत बाजार में 20 हजार रुपए है उसकी कीमत 54 हजार रुपए वसूली जा रही है। इस तरह विभिन्न ह्रास पावर की मोटर के नाम पर किसानों के साथ दोहरी और तिहरी लूट की जा रही है। सर्वविदित है कि शुरू से ही कृषि कनेक्शन का बिजली बिल निर्धारित रहा है। लेकिन अब सरकार कृषि कनेक्शन पर अलग से मीटर लगाने जा रही है। कुछ गांवों में इसकी शुरूआत हो चुकी है। इसके पीछे सरकार की मंशा बिजली मीटर का ठप्पा लगाकर मोटी रकम रिडिंग के रूप में ऐंठना है। इन परिस्थितियों में कृषि और किसान पूरी तरह तबाह हो जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने नलकूप कनेक्शन के लिए कुछ कंपनियों की मोटर निर्धारित की हैं। इनके कंपनियों के अलावा मोटर लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कृषि को उन्नत बनाने के दावा करने वाली सरकार नए कनेक्शन की आड़ में धरती पुत्रों के साथ भद्दा मजाक कर रही है।

मोटर कंपनियों पर होगी तालाबंदी:

महंगी दरों पर छूट की बजाए कृषि उपकरणों के माध्यम से किसानों को लूटा जा रहा है। इससे तय है कि जो कंपनियां मोटर खरीदने के लिए निर्धारित की गई हैं उनकी सरकार के साथ मिलीभगत है। इसके मद्देनजर किसानों द्वारा प्रदेश भर में एकजुट होकर मेहनतकश वर्ग का शोषण करने वाली कंपनियों पर ताला बंदी करने का निर्णय लिया जाएगा। किसानों ने निर्णय लिया है कि जो मीटर खेतों में ट्यूबेल पर लगाए जाने वाले हैं उनका डटकर विरोध किया जाएगा। वे किसी भी कीमत पर गांव के खेतों में मीटर नहीं लगने देंगे। लाक डाउन और धारा 144 की अवहेलना पर नेताओं के खिलाफ भी दर्ज हों मामले: भाकियू नेताओं और खाप नेता सुभाष शिमला, कृष्ण कुमार, गगनदीप, बदना राम, राजेंद्र कुमार, रतिया राम, रामनिवास और दूसरे प्रतिनिधियों का कहना है लाक डाउन के नाम पर सरकार पर दोहरे मानदंड अपना रही है। धारा 144 और लाकडाउन का हवाला देकर आम जन के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ जुर्माने थोपे जा रहे हैं। जबकि सत्ता रूढ़ दल के नेता राजनैतिक कार्यक्रमों में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मानवीय जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है? उन्होंने लाक डाउन और धारा 144 की अवहेलना करने वाले नेताओं पर एफआईआर दर्ज करते हुए गिरफ्तार करने की मांग की।

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