बिना एसएलससी विद्यार्थियों को सरकारी विद्यालयों में दाखिला देना निजी विद्यालयों के हितों पर कुठाराघात

प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से मंत्री ओमप्रकाश का सौंपा ज्ञापन


प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बिना एसएलसी के दाखिले के आदेशों  का प्राईवेट स्कूल एसोएिशन की ओर से विरोध किया जा रहा है। उनकी ओर से सोमवार को प्रदेश के न्याय एवं सहकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव को ज्ञापन भी सोंपा गया। इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि ये आदेश निजी विद्यालयों की हत्या के समान है। ग्रामीण क्षेत्र में जो विद्यालय स्थित हैउनमें अध्ययनरत अधिकतम विद्वार्थियों की फीस अप्रैल-मई महीने में मिलती है। सत्र 2019-20 में लॉकडाउन के कारण फीस नही आ सकी, 2020-21 की फीस भी कोरोना के चलते लटक गई। सरकार के आदेश के अनुसार स्कूल संचालकों की ओर से इसके लिये अभिभावकों पर कोई दवाब नहीं डाला गया। कर्ज लेकर अपने शिक्षकों ेव अन्य कर्मचारियों को वेतन देने की व्यवस्था की गई। इसके बावजूद आज हालात यह हो गई की सरकारी विद्यालयों ने गांव में मुनादी करवा दी कि उनकी ओर से बिना एसएलसी दाखिला कर देगें। आपको निजी विद्यालय कि बकाया फीस देने की जरुरत नहीं होगी। सरकार का ये न्याय संगत फेसला नहीं है। जो विद्वार्थी विद्यालय स्थानांतरित होकर गये एमआईएस पोर्टल से अपने पास ट्रांसफ र कर लिया।   एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस फैसले को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी सरकारी विद्यालयों में गए हैं उनको एमआईएस पोर्टल से हटवाकर वापिस निजी विद्यालयों के पोर्टल पर दर्ज किया जाए। अभिभावकों को कहकर एसएलसी मंगवाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के पास जो शिकायतें   विद्यालय को फी अदा करने के बाद भी एसएलसी जारी नहीं की जाती वे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। जो अभिभावक फ ीस दे देता है उसके बाद किसी विद्यालय के पास कोई ताकत नहीं की एसएलसी ना दे। इसकी शक्ति से जांच करवाई जाए। दोषी पर कार्रवाई की जाये। प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि लॉक डॉऊन के समय उनकी ओर से अतिरिक्त खर्चा उठाकर ऑनलाईन पढाई की व्यवस्था की गई। उनका निदवेदन है कि अब हालात सामान्य हैं, विद्यालयों को खोला जाए। अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के मानसिक संतुलन को सशक्त किया जा के। निजी विद्यालयों की आर्थिक हालात को देखते हुए कूल बसों के टैक्स , इंश्योंरेंस सभी में 2 वर्ष की छूट दी जाए। बसों की पासिंग एवं एनसीआर में आरसी की वैधता 15 वर्ष की जाये।

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