पालिका अभियंता चमनलाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी की तलवार लटकी

–सांसद निधि से आई राशि को हडपने के आरोप में प्रधान ने दर्ज करवाया था मुकदमा


रणघोष अपडेट. नारनौल. 

नगर परिषद में पालिका अभियंता का एडिशनल चार्ज संभाल रहे एमई चमन लाल नारनौल की एडीजे कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। एमई चमन लाल पर महेंद्रगढ नगर पालिका में तैनाती के दौरान सांसद निधि से आये पांच लाख रुपये  फर्जी दस्तावेज तैयार करके हडपने के आरोप में वहां की प्रधान रही रीना गर्ग ने वर्ष 2019 में  विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा नंबर 90 दर्ज करवाया था। एमई चमन लाल ने इस मामले में नारनौल कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत लगाई थी। नारनौल के अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज अशोक कुमार की अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए गत दिवस एमई चमन लाल की याचिका खारिज कर दी। जिसके चलते अब चमन लाल पर गिफ्तारी की तलवार लटक गई है।

आखिर क्या था मामला:-महेंद्रगढ के शहर थाना में दर्ज एफआइआर के अनुसार भिवानी महेंद्रगढ लोकसभा के सांसद ने अपनी निधि से बाल्मीकि युवा सभाा व श्री गौशाला रजिस्टर्ड के लिए  पांच लाख रुपये की ग्रांट जारी की थी। नप की प्रधान रीना गर्ग ने एफआइआर में लिखवाया है कि इस राशि को लेकर फरवरी 2019 में दोनों संस्थाओं के प्रधानों ने  एमपी ग्रांट की राशि चैक से देने का पत्र लिखा। प्रधान के अनुसार इन संस्थाओं के प्रधानों के पत्र के बाद जब उन्होंने नगर परिषद का रिकार्ड चैक किया तो बड़ी हैरानी वाले आंकडें मिले। नप प्रधान रीना गर्ग द्वारा दर्ज करवाई एफआइआर के अनुसार महेंद्रगढ नगर पालिका में चमनलाल ने 24 अक्टूबर 2018 को बतौर एमई तथा राजाराम ने तीन जनवरी 2019 को बतौर सचिव ज्वाइन किया था। इधर नगर परिषद के रिकार्ड में 19 अगस्त 2018 व 24 अगस्त 2018 की तिथि में  बिल व विभिन्न फर्मों की कुटेशन मिली। इन  कुटेशनों को एमई चमन लाल व सचिव राजराम ने वैरीफाइ करके एक को कुटेशन को स्वीकृत किया हुआ दिखाकर अपने हस्ताक्षर कर दिए जबकि कुटेशनों पर प्रधान के हस्ताक्षर को खाली छोडते हुए 21 अगस्त 2018 में एक रिपोर्ट बनाकर एक फर्म के 4 लाख 95 हजार के बिल बनाकर वैरीफाइड कर दिया। नप प्रधान रीना गर्ग ने बताया कि इस प्रकार नगर पालिका महेंद्रगढ में अपनी ज्वाइनिंग से  कई महीने पहले की तारीखों में एमई चमन लाल व सचिव राजाराम ने कुटेशन व बिल वैरीफाइ करके एमपी ग्रांट की राशि हडप ली। गर्ग ने बताया कि इस मामले की उसने जिला स्तर से लेकर निकाय विभाग के उच्चाधिकारियों शिकायत दी थी। पुलिस को भी अलग से शिकायत दी गई थी लेकिन इनके प्रभाव के चलते पुलिस ने भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो अदालत में इस्तागासा दायर करके मुकदमा दर्ज करवाया गया था। अदालत के आदेश पर एमई चमन लाल, सचिव राजाराज व जेई कृष्ण कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमें के अब अग्रिम जमानत के लिए एमई चमनलाल ने याचिका दायर की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।

 

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