धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन चुनाव की मौजूदा तस्वीर

  अब 13 की सुनवाई से साफ हो जाएगा सरकार- आयोग क्या सोच कर बैठा है


रणघोष खास. धारूहेड़ा से सुभाष चौधरी

पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से पिछली 15 मार्च 2021 को हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन बने कंवर सिंह की दसवीं की मार्क्स सीट को फर्जी करार देने के आदेश को रद्द करने के बाद घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। सोमवार को चुनाव में खड़े 7 प्रमुख प्रत्याशियों ने चंडीगढ़ में डेरा डाल दिया है। उनका कहना हे कि कोर्ट का निर्णय एवं चुनाव आयोग का पीछे हटना लोकतंत्रीय प्रणाली पर कुठाराघात है। हम अंतिम समय तक कानूनी लड़ाई लड़ेगे। कानून विशेषज्ञों एवं सरकार में बैठे राजनीति जानकारों का कहना है कि प्रत्याशी अपनी जगह ठीक है। उनके साथ सरासर गलत है लेकिन जिस तरह चुनाव आयोग ने धारूहेड़ा उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया उससे साफ जाहिर होता है कि वह इस मामले को आगे तक ले जाने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरा अगर आयोग कोर्ट के फैसले को नहीं मानकर चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाता तो यह कोर्ट की अवमानना होती। उधर इस फैसले के खिलाफ उतरे प्रत्याशी बाबूलाल लांबा, मान सिंह, संदीप बोहरा, खेमचंद, दिनेश यादव,रामनिवास व प्रदीप मोजम ने कहा कि सरकार एवं सिस्टम की गलतियों की सजा उन्हें किस आधार पर दी जा रही है। इस पूरी व्यवस्था को बिगाड़ने एवं खराब करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हम पीछे हटने वाले नहीं है। हालांकि प्रत्याशियों की यह लड़ाई आसान नहीं है। अब सरकार एवं आयोग इस चुनाव को लंबा ले जाने की स्थिति में  नजर नहीं आ रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो आयोग आनन फानन में कोर्ट के निर्णय के बाद चुनाव की सारी प्रक्रिया को रद्द करने की बजाय स्थगित कर नए सिरे से लड़ाई लड़ने की तैयारी में जुट जाता। अब सभी की नजरें 13 सितंबर को कोर्ट की तरफ से होने वाली सुनवाई पर रहेगी। अगर सरकार का रैवया विजेता रहे कंवर सिंह की दसवीं की मार्क्स सीट को लेकर शांत रहता है तो आठ माह पहले हुए चुनाव की प्रक्रिया पर मोहर लग सकती है। अगर सरकार लड़ाई को जारी रखती है तो यह चुनाव लंबे समय तक टल सकता है जिसका खामियाजा स्थानीय आमजन को भुगतना पड़ेगा।

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