ब्रास मार्केट स्थित के लाल अल्ट्रासाउंड केंद्र पर गुरुग्राम टीम की कार्रवाई पूरी तरह कटघरे में

 अंधेरे में शिकार की तरह की गई कार्रवाई, इन 10 सवालों के घेरे में फंस गई पीएनडीटी टीम


रणघोष खास. सुभाष चौधरी

ब्रास मार्केट स्थित केएल अल्ट्रासाउंड केंद्र में शनिवार शाम को गुरुग्राम से आई पीएनडीटी टीम ने ठीक उसी तरह कार्रवाई की जिस तरह कोई रात के अंधेरे में शिकार की तलाश में  निकलता है ओर दिन के उजाले से डरता है।

इस कार्रवाई का सच निष्पक्ष जांच में सामने आएगा। इससे पहले टीम ने जिस तरह से इस अल्ट्रासाउंड केंद्र पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया उससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हैरत में है। इस कार्रवाई से उठे 10 सवालों से ही टीम पूरी तरह कटघरे में खड़ी नजर आ रही है

  1. गुरुग्राम से आई टीम ने लोकल स्वास्थ्य विभाग टीम को साथ में क्यों नहीं लिया। आमतौर पर अभी तक जितनी भी कार्रवाई हुई हैं उसमें इस नियम की पालना होती रही है
  2. जिस दलाल को साथ लेकर टीम मौके पर पहुंची। वहां अल्ट्रासाउंड केंद्र पर जांच के नाम पर दिए गए पैसो की बरादमगी क्यों नहीं हुईं
  3. सबसे बड़ी बात इस तरह की कार्रवाई में सीसीटीवी कैमरा फुटेज टीम के लिए पुख्ता सबूत होता है। टीम ने कार्रवाई से पहले सीसीटीवी की सीडीआर को क्यों निकाल लिया जबकि यह फुटेज उसकी कार्रवाई का मजबूत आधार बनती।
  4. टीम का यह कहना कि गलत तरीके से की जाने वाली जांच को पकड़ने के लिए खर्च होने वाली राशि को अल्ट्रासाउंड केंद्र के खाते में डाला गया है। कमाल की बात है गलत काम को उजागर करने के लिए सीधे डॉक्टर एवं कर्मचारियों  को भी सीधे यह राशि दी जा सकती थी। आमतौर पर इस तरह के मामलों में सबूत के तौर पर दी गई नगद बरामद की जाती है। इस केस में ऐसा नहीं किया किया
  5. गुरुग्राम की टीम ने कार्रवाई करने के दौरान उठे विवाद के बाद ही लोकल स्वास्थ्य विभाग को क्यों याद किया। पहले क्यों नहीं
  6. कई सालों से पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने वाली टीम के एक सीनियर डॉक्टर का कहना है कि जब भी हमने अन्य जिलों में कार्रवाई की। हम उस जिले में पहुंचकर लोकल टीम को साथ में लेते थे लेकिन उसे यह नहीं बताते थे कि कार्रवाई कहां होनी है ताकि किसी को बचने का मौका नहीं मिल पाए। इस केस में ऐसा नहीं किया गया जो समझ से बाहर है।
  7. डॉ. केलाल अल्ट्रासांउड का ट्रैक रिकार्ड अभी तक शानदार रहा है। उनके केंद्र पर पहले भी टीम ने कार्रवाई की है जिसमें सबकुछ ठीक मिला। एक मामले में केस भी हुआ जिसमें कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
  8. मौके पर गुरुग्राम टीम ने दलाल पर दबाव बनाने के लिए मारपीट क्यों की
  9. जिस महिला की फर्जी आईडी मिली है। उसकी जांच करना डॉक्टर का काम नहीं है। जाहिर है कि डयूटी के समय डॉक्टर का ध्यान आईडी जांच करने की बजाय अपने काम पर रहता है। कायदे से फर्जी आईडी से जांच कराने वाले पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें ऐसा नहीं हुआ
  10. सबसे बड़ा सवाल गलत काम पैसो के लिए किया जाता है। जब योजना के मुताबिक टीम को मौके पर पैसो की बरामदगी ही नहीं हुई तो स्पष्ट है कि केस हीं  नहीं बनता है। ऐसे में पुलिस बुलाकर डॉक्टर को जबरदस्ती जिप्सी में डालने की कार्रवाई प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर डर का माहौल बनाकर अपनी गलतियों को छिपाना था।

ऐसे ही कार्रवाई होती रही तो जांच करना बंद कर देंगे डॉक्टर्स

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जिस तरह मौके पर पहुंचकर पीएनडीटी एक्ट की टीम के खिलाफ जो मोर्चा खोला उससे टीम के सदस्य भी सकते में आ गए। लिहाजा उन्हें पीछे हटना पड़ा। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. पवन गोयल ने कहा कि वे किसी डॉक्टर के बचाव में नहीं सच के साथ है। यह सरासर गलत तरीके से किसी साजिश के तहत कार्रवाई  हुई है। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर ऐसे ही डॉक्टरों पर कार्रवाई होती रही तो आगे चलकर डॉक्टर्स गृभवती महिलाओं की जांच करना बंद कर देंगे जो आमतौर पर जज्जा- बच्चा की सुरक्षा के तोर पर की जाती है।

 पीएनडीटी टीम ने फ्राड तरीके से कार्रवाई की, हम जांच करांएगे

इस घटना के बाद मौके पर पहुंचे हरको बैंक के चेयरमैन अरविदं यादव  ने कहा कि शीशे की तरह साफ है कि गुरुग्राम से आई टीम ने जो कार्रवाई की है उसमें उनकी मंशा पूरी तरह से गलत थी। जिस दलाल या महिला का इस्तेमाल किया गया है वे खुद विवादित है। मौके पर टीम को ऐसा कुछ नहीं मिला जिसके आधार पर यह साबित हो जाए कि गृभ में शिशु की पहचान बताई गई थी। महज दलाल के कहने से टीम का शहर के किसी प्रतिष्ठित डॉक्टर पर इस तरह की कार्रवाई करना यह बताता है कि दाल में काला है। हम प्रशासनिक अधिकारी एवं सरकार से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे।

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