पटौदी बार एसोसिएशन इलेक्शन

जातीय समीकरण तय करेंगे प्रधान और सचिव की हार-जीत

शुक्रवार को नए पटौदी ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स में होगा मतदान

रणघोष अपडेट. पटौदी. फतेह सिंह उजाला 

इलेक्शन तो इलेक्शन ही होते हैं, किसी भी संस्था अथवा संगठन या फिर एसोसिएशन के इलेक्शन हो । इन इलेक्शन में प्रत्याशियों के द्वारा मुद्दों को लेकर ही चुनाव लड़ा जाता है । लेकिन जब बात इलेक्शन की आ जाए तो जातीय समीकरण की उम्मीदवारों की हार-जीत में बहुत ही अहम भूमिका रहती है , इस बात से कतई भी इनकार नहीं किया जा सकता है। पटौदी बार एसोसिएशन के 17 दिसंबर शुक्रवार को पटौदी के नए ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स में ही चुनाव संपन्न होंगे । पटौदी बार एसोसिएशन के लिए वर्ष 2015 में पहली बार चुनाव हुआ था और अब वर्ष 2021 के समाप्त होने से पहले यह पटोदी बार एसोसिएशन का सातवां चुनाव होगा । पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी एडवोकेट मनोज शर्मा के मुताबिक चुनाव की सभी प्रकार की तैयारियां पूरी की जा चुकी है।सूत्रों के मुताबिक पटोदी बार एसोसिएशन चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण पद प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी का ही होता है । इस बार पटौदी बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर जो अहम बात बाहर निकल कर आ रही है , वह कथित रूप से जातीय समीकरण पर अधिक फोकस बताया जा रहा है । कुल मिलाकर पटौदी बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी के पद पर चुनाव में हार-जीत के लिए जातीय समीकरण हार-जीत में अहम भूमिका निभाते दिखाई दे रहे हैं। पटोदी बार एसोसिएशन इलेक्शन के सहायक चुनाव अधिकारी एडवोकेट अजीत चौहान और एडवोकेट आर एस सैनी के मुताबिक प्रधान पद के लिए संदीप यादव और परमवीर यादव के बीच में सीधा मुकाबला है । गौरतलब है कि संजीत यादव पहले भी पटौदी बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रह चुके हैं । वही वाइस प्रेसिडेंट के लिए एडवोकेट अशोक शर्मा और एडवोकेट सुनील शर्मा एक दूसरे के मुकाबिल है । सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाला सेक्रेटरी पद के लिए एडवोकेट मनीष कुमार और सुखबीर सिंह के बीच में भी कांटे की टक्कर बताई जा रही है । सह सचिव पद के लिए एडवोकेट रविंद्र खोला और एडवोकेट विष्णु सिंह चौहान एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। ट्रेजरार अथवा खजांची पद के लिए एकमात्र महिला एडवोकेट सुनीता यादव और एडवोकेट बसंत भार्गव के बीच में हार जीत के लिए मुकाबला बना हुआ है।पटोदी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए करीब 423 एडवोकेट सदस्यों के द्वारा अपनी अपनी पसंद के पदाधिकारी के चुनाव के लिए मतदान किया जाना है।  मतदान किया जाने वाले एडवोकेट की संख्या अंतिम समय तक कम अथवा कुछ अधिक भी हो सकती है । इस विषय में चुनाव प्रक्रिया से ही जुड़े एक पदाधिकारी के मुताबिक समाचार लिखे जाने तक मतदान करने वाले एडवोकेट्स मेंबर के नाम की लिस्ट फाइनल करने का काम किया जा रहा था, क्यो कि कुछ एडवोकेटस के गुरूग्राम और पटौदी दोनो जगह बार में नाम दर्ज है और मतदान करने वाले को शपथपत्र देना होगा। वहीं  पटौदी बार एसोसिएशन की करीब 40 महिला एडवोकेट भी वोटर सदस्य है।पटौदी बार एसोसिएशन के निवर्तमान प्रेसिडेंट एडवोकेट विशाल सिंह चौहान के द्वारा मौजूदा समय में अपना समर्थन पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव में प्रेजिडेंट पद के लिए एडवोकेट संदीप यादव, वाइस प्रेसिडेंट के लिए एडवोकेट अशोक शर्मा, सचिव पद के लिए एडवोकेट विष्णु सिंह चौहान और ट्रेजरार अथवा खजांची पद के लिए एकमात्र महिला एडवोकेट सुनीता यादव को दिया गया है । वही कथित रूप से पटौदी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी चुने जाने के दावेदार उम्मीदवार एडवोकेट को लेकर भी अन्य स्थानों की तरह यहां भी अलग-अलग समर्थकों का गुट देखा जा रहा है । हालांकि यह बात भी चर्चा में है कि दोनों ही गुट सत्ता पक्ष में भागीदार दोनों ही राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं के समर्थक अथवा समर्थन प्राप्त है। सूत्रों के मुताबिक पटौदी बार एसोसिएशन के एडवोकेट सदस्यों में करीब 160 सदस्य यादव, 55 एडवोकेट सदस्य जाट, 55 एडवोकेट सदस्य राजपूत और 65 एडवोकेट सदस्य ब्राह्मण वर्ग अथवा समुदाय से बताए गए हैं । इसके अलावा अन्य वर्गों के भी एडवोकेट शामिल हैं । सूत्रों के मुताबिक पटोदी बार एसोसिएशन के चुनाव में प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी की हार जीत में जातीय समीकरण की इस बार अहम भूमिका हो सकती है । सूत्रों के मुताबिक पटौदी बार एसोसिएशन प्रेसिडेंट के प्रबल दावेदार माने जा रहे एडवोकेट उम्मीदवार के द्वारा यदि सेक्रेटरी पद के एडवोकेट उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन दे दिया जाता है तो इसके प्रतिफल में सेक्रेटरी पद के ही एडवोकेट उम्मीदवार के द्वारा प्रेजिडेंट पद के एडवोकेट उम्मीदवार के लिए अपने समर्थकों का सहयोग प्रेजिडेंट पद की जीत के लिए किया जाने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है । अब जब पटौदी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव में मात्र 1 दिन ही शेष बचा है। तो यह भविष्य के गर्भ में छिपा है कि कौन-कौन दावेदार एडवोकेट अपनी पसंद के पद पर जीत का हार अपने गले में अपने समर्थकों के हाथों पहनने में सफल रहेंगे।

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