नोटिस के बाद भी जमा नहीं कराया रिकार्ड, आनन फानन में बिल जुटाने में लगे स्कूल मुखिया
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
सरकारी स्कूलों में मरम्मत व नए भवन निर्माण के नाम पर सबसे ज्यादा ग्रांट लेने वाले स्कूलों के मुखियाओं का गोलमाल साबित होने लगा है। इस मामले की जांच कर रही एडीसी विजिलेंस टीम पिछले एक माह से नांगल पठानी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल पीथड़ावास को रिकार्ड जमा कराने के लिए लगातार पत्राचार कर रही है। डर के मारे मुखिया जल्द ही रिकार्ड जमा कराने का आश्वासन देकर समय मांग रहे हैं। एक माह बीत जाने के बाद अब विजिलेंस टीम ने सख्ती दिखाते हुए इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। टीम के सदस्यों के मुताबिक दाल में काला है। हमें रिपोर्ट मिल रही है कि ग्रांट राशि खर्च के नाम पर गोलमाल किया गया है इसलिए नियमानुसार रिकार्ड नहीं बनाया। अब अपने कारनामों को छिपाने के झूठे व बिलों को तैयार किया जा रहा है। भेजे गए नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि जिस तरह स्कूल मुखियाओं का रैवया रहा है उससे उनका गैर जिम्मेदाराना रैवया व गड़बड़ी होने का साफ अंदेशा दर्शाता है। इस बारे मे डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशनल हरियाणा एवं जिला शिक्षा अधिकारी को भी अवगत करा दिया है। यहां बता दें कि नांगल पठानी में जिस प्राचार्य सत्यपाल सिंह जिसे थानेदार के नाम पर ज्यादा पहचान मिली है के समय में आई ग्रांट का मसला है। सतपाल सिंह कुछ माह पहले अपने बेटे की शादी में हेलीकाप्टर से दुल्हन लाने एवं लाखों रुपए के अखबारों में विज्ञापन देने की वजह से अच्छी खासी सुर्खियों में आए थे। अब उनका तबादला नांगल पठानी से दूसरे स्कूल में हो गया है। अधिकारियों की माने तो सतपाल सिंह बार बार जल्द रिकार्ड जमा कराने के नाम पर समय मांग रहे है। हैरानी की बात यह है कि जब कार्य करवाया है तो उसके बिलों को समय पर देने में क्या दिक्कत है। जब एक माह में वे उपलब्ध नहीं हो पाए तो अब कैसे बनकर आ जाएंगे यह भी जांच का विषय होगा। उधर पीथड़ावास स्कूल के प्राचार्य राकेश शर्मा भी पूरी तरह से रिकार्ड जमा नहीं करा पा रहे हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता में अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर अलग से जांच चल रही है। इसी तरह बावल क्षेत्र के कुछ स्कूलों की शिकायतें चंडीगढ़ क माध्यम से जिला विजिलेंस के पास पहुंच रही है जिसके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी चल पड़ी है।