दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिलेंगे नीतीश और लालू यादव

रणघोष अपडेट. पटना से 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव रविवार शाम को दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। बता दें कि नीतीश कुमार ने अगस्त में बीजेपी और एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ बिहार में नई सरकार बनाई है।नीतीश कुमार ने कुछ हफ्ते पहले दिल्ली आकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, एनसीपी के मुखिया शरद पवार सहित विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की थी। उससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पटना आकर नीतीश कुमार से 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूत करने के मद्देनजर मुलाकात की थी।

2024 की तैयारियां

नीतीश कुमार के विपक्ष के पाले में आने के बाद से ही 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक मंच पर आकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।

नीतीश कुमार और सोनिया गांधी की पिछली मुलाकात साल 2015 में बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे और तब महागबठंधन को बड़ी सफलता मिली थी। लेकिन उसके बाद नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के पाले में चले गए और अब एक बार फिर महागठबंधन के साथ आ गए हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कुछ दिन पहले द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा था कि सोनिया गांधी के विदेश से लौटने के बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार उनसे मिलने जाएंगे। तेजस्वी ने कहा था कि अगर विपक्षी दल हाथ मिला लें और एक रणनीति के तहत लड़ाई लड़ें तो बीजेपी निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगी। लालू और नीतीश कुमार सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आएंगे तो इसे निश्चित रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने की एक कोशिश माना जा सकता है।

एकजुट होंगे विपक्षी दल?

नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उनका काम विपक्षी दलों को एकजुट करना है और अगर 2024 में विपक्ष एकजुट हुआ तो नतीजे अच्छे आएंगे। वह यह भी कह चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की तमाम कोशिशें हुई थी लेकिन यह कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकी थीं। तब तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोशिश की थी कि विपक्षी दलों को एकजुट किया जाए लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका था।देखना होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले क्या विपक्षी दल एकजुट होंगे?

25 को इनेलो की रैली

हरियाणा की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल यानी इनेलो ने 25 सितंबर को विपक्षी एकता के मद्देनजर एक रैली रखी है। इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे। यह रैली फतेहाबाद में होगी। इस दिन पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती भी है। इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला के मुताबिक, पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने रैली में एनसीपी मुखिया शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *