किसानों ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन, जल्द होगा बड़ा आंदोलन, घेरेंगे सचिवालय

    किसानों ने कहा कि उनके सामने अब करो या मरो की स्थिति बन चुकी है, सरकार – अधिकारी पत्थर बन चुके हैं


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी


शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर बुधवार को किसानों ने अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर अर्धनग्न होकर जिला सचिवालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी जायज मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो उनके सामने करो या मरो के अलावा कुछ नहीं बचा है। वे बड़ा आंदोलन कर सचिवालय का घेराव करेंगे। भाकियू चडूनी ने शामलात ज़मीन बचाने, एचएसआईआईडीसी द्वारा एमआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित जमीन के स्ट्रक्चर का मुआवजा व ख़राब फ़सलों की भरपाई के लिए सरकार के खिलाफ अर्धनग्न होकर सुभाष पार्क से जिला सचिवालय रेवाड़ी तक विरोध प्रदर्शन किया l जिलाध्यक्ष समय सिंह प्रधान ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम डीसी की अनुपस्थिति में डीआरओ को ज्ञापन सौंपा गया और जमीनी मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट व सरकार के आदेशों की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज करवाया l  उन्होंने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी सरकार है।अब भी सरकार किसानों की बात नहीं सुनती है तो हम बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। हमारी जायज मांगें हैं। जो इतने दिन से फसल के घर में आने की बाट देख रहे थे उनके दिल से कोई पूछे क्या बीत रही है। एचएसआईआईडीसी ने जमीन अधिग्रहण कर उस पर अपना कब्जा कर लिया और उस पर बने स्ट्रक्टचर का मुआवजा नहीं दे रही है। यह भूमाफिया नहीं तो क्या है। किसान  अपने मुआवजे के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं उन का दर्द केवल  वो ही जानते हैं। जो फसल बीमा की बकाया राशि है के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं। अधिकारी स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं करते कि  गांव डुंगरवास, मसानी, खलियावास समेत 20 गांवों के स्ट्रक्चर का मुआवजा किस आधार पर रोका हुआ है। वह इसलिए कि हम अधिकारियों को मुआवजा के नाम पर कमीशन नहीं पहुंचा रहे हैं।   किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि पांच से सात दिनों में किसानों के मुआवजे कि शेष राशि उनके खाते में नहीं पहुँचती है तो हमे मजबूरन इसके विरोध में बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा l  यहां बता दें कि किसान इससे पहले  केंद्रीय मंत्री भूपेंदर यादव, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, भाजपा केंद्रीय बोर्ड कि सदस्या डॉ. सुधा यादव , राज्य कैबिनेट मंत्री बनवारी लाल, सभी स्थानीय प्रतिनिधियों, एचएसआईआईडीसी व प्रशासन के सामने ज्ञापन के माध्यम से आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की चेतावनी तक दे चुके हैं।  उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी हमारी एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों से तुरंत मीटिंग कराए ताकि दूध का दूध पानीका पानी सामने आ जाए। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन चढूनी जिला रेवाड़ी की कार्यकारिणी के सभी सदस्य, कुलदीप माजरा और उनके साथ काफी संख्या में किसान मौजूद रहे l

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