मैं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ूंगा: अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली। मुलाकात के बाद गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि पिछले 50 साल में उन्होंने कांग्रेस के वफादार सिपाही के रूप में काम किया है और उन्हें कांग्रेस में तमाम बड़ी जिम्मेदारियां दी गई। उन्होंने कहा कि रविवार को राजस्थान में जो सियासी घटनाक्रम हुआ उसने हम सभी को हिला कर रख दिया और देशभर में यह मैसेज गया कि वह मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं।

‘सोनिया गांधी से मांगी माफी’

गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री के चयन सहित कई मामलों में कांग्रेस में हमेशा से एक लाइन का प्रस्ताव ही पास होता रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से जयपुर में स्थितियां ऐसी बन गई कि प्रस्ताव पास नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं और उन्हें इस बात का दुख जीवन भर रहेगा। गहलोत ने कहा कि इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने भी अफसोस जताया है। पत्रकारों के इस सवाल पर कि क्या वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही करेंगी। जब गहलोत 10 जनपथ से बाहर आए तो उस दौरान उनके साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी थे। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को मत डाले जाएंगे। 19 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी और उसी दिन चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।

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