पढ़िए जिले के सबसे उम्रदराज जिला पार्षद उम्मीदवार 75 वर्षीय दादा जयपाल की कहानी

सच को सच कहने की हिम्मत से जयपाल सिंह सभी के दादा बन गए


रणघोष खास.  वार्ड 6 से ग्रांउट रिपोर्ट


जिला रेवाड़ी में जिला पार्षद चुनाव में वार्ड नंबर 6 सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। वजह यहां से 75 साल का एक ऐसा शख्स चुनाव लड़ रहा है जिसका सामाजिक जीवन पूरी तरह लोगों की आवाज बनकर सिस्टम से टकराता रहा है। बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे सभी उन्हें दादा के नाम से बुलाते हैं। हम बात कर रहे हैं दादा जयपाल की। इलाके में किसी भी तरह के विवाद को आपसी भाईचारे में निपटाने की बात हो या जरूरतमंदों की मदद  करने की। या फिर गौशाला, धार्मिक आयोजन, खेलकूद या अन्य तरह के सामाजिक कार्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की। दादा हर समय अपनी जिम्मेदारी निभाने में अग्रणी रहे। परिवार के सदस्यों की माने तो दादा जयपाल 2008 में रोडवेज विभाग से रिटायर होने के बाद ही समाज को समर्पित हो गए थे। उनका शरीर जरूर घर में रहता है लेकिन दिलों दिमाग एवं आत्मा सुबह घर से निकलती है और रात को वापस लौट आती है। दिन हो या रात दादा का शैडयूल समाज के लोग तय करते हैं। पारिवारिक विवाद हो या जमीनी हर तरह की छोटी- बड़ी समस्याओं में इस शख्स की मौजूदगी बनी रहती है।

रोडवेज में कर्मचारियों की मांगों पर दहड़ाते थे

हरियाणा में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन सबसे ताकतवर मानी जाती है। यूनियन में प्रांतीय मुख्य संगठन सचिव के पद पर रहकर जयपाल सिंह मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे तो रेवाड़ी- महेंद्रगढ़ की जेलों में भी रहे। वे बिना माइक कर्मचारियों की मांगों को लेकर दहाड़ते नजर आते थे। जिला प्रशासन मानता था कि अगर आंदोलन को खत्म करना है तो जयपाल सिंह को संतुष्ट करना होगा।

सामाजिक बुराई व अन्याय के लिए सड़कों पर आज भी नजर आते हैं

अहीर रेजीमेंट गठन को लेकर चल रहे आंदोलन में विशेष भूमिका निभाने की बात हो या फिर शराब ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोलने की। पुलिस या अधिकारियों की तरफ से सुनवाई नहीं करने पर दादा जयपाल धरना प्रदर्शन कर संघर्ष करने में पीछे नहीं रहे।

 आपसी विवादों को बातचीत से खत्म करने का हमेशा प्रयास

परिवार के आपसी विवादों को दादा जयपाल आपसी बातचीत से खत्म करने के पक्षधर रहे। वे दोनों पक्षों की बातों को गंभीरता से सुनकर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं। कोई उन्हें प्रभावित नहीं कर सकता। उनका चाहे कोई कितना ही करीबी क्यों ना हो। इसलिए उनके कुछ करीबी नाराज होकर दूरियां बना लेते लेकिन कुछ दिन बाद वापस आ जाते।

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