घासेड़ा में चुनावी हिंसा से तार तार हुई चुनाव की गरिमा, चुनाव आयोग तक पहुंचा मामला

-सरपंची के तीन उम्मीदवारों ने की शिकायत, हिंसक घटनाओं की विडियो मजबूत साक्ष्य


रणघोष अपडेट. नूंह


हरियाणा के नूंह जिले के गांव घासेड़ा में ग्राम पंचायत चुनाव में मतदान के समय हुई जबरदस्त हिंसा, मतदान केंद्र पर कब्जा और गंभीर तौर पर घायल हुए 20 से ज्यादा लोगों की घटना ने चुनाव की गरिमा को तार तार कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम में पूरी तरह से कौन जिम्मेदार है इसकी निष्पक्ष जांच से सामने आएगा। इतना जरूर है कि इस घटना के बाद मतदान का परिणाम घोषित करना एक साथ कई सवाल खड़े करता है। इस चुनाव में सरपंच पद के उम्मीदवारों ने उपायुक्त नूंह एवं राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। साथ ही घटना की भेजी गई विडिेयो एवं सबूतों के आधार पर कहा है कि अगर इस चुनाव को रद्द नहीं किया तो भविष्य में कोई भी इस लोकतंत्र प्रणाली पर भरोसा नहीं करेगा और गलत परंपरा की शुरूआत हो जाएगी। इस पूरे मामले की जल्द ही जांच कर स्थिति को स्पष्ट किया जाए। शिकायत करने वालों में भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी भी शामिल है। इस घटना को लेकर भेजी शिकायत में सरपंच पद के उम्मीदवार  अनवर खान पुत्र रहमन, सलीम पुत्र मोहम्मद असद, सलमान पुत्र खालिद ने बताया कि वे शुरूआत से ही आपसी भाईचारे एवं लोकतांत्रिक प्रणाली से चुनाव कराने के पक्ष में माहौल बनाकर चल रहे थे। हरियाणा चुनाव आयोग के दिशा निर्देश का पूरी तरह से पालन हो रहा था। 2 नवंबर को दोपहर एक बजे इमरान पुत्र आस मो. और असरफ पुत्र अल्ला बक्ख के बीच आपसी झगड़ा हो गया। दोनों ने एक दूसरे समर्थकों के ऊपर ईंट, पत्थर, बंदूक और लाठी के द्वारा जान लेवा हमला कर दिया। जिसके चलते मौके पर उपस्थित सभी उम्मीदवार, एजेंट व समर्थक को मतदान केंद्र छोड़कर भागना पड़ा। इस घटना की तुरंत जानकारी निर्वाचन अधिकारी, पुलिस और प्रशासन को दी गईं। सूचना मिलने के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उसके बाद भी इमरान पुत्र आस मौ. और उसके कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार हमला जारी रहा। जानलेवा हमले से उम्मीदवार एवं मतदाता बुरी तरह से सहम गए वे मतदान करने की बजाय भाग खड़े हुए। जिसके  चलते काफी संख्या में मतदाता इस हिंसा के कारण मतदान करने से वंचित रह गए। सभी उम्मीदवारों की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर इमरान पुत्र आस. मोम्म्मद ने बूथ कैप्चर कर लिया। इतना सबकुछ होने के बाद भी निर्वाचन अधिकारी ने हमारी बातों को अनसुना करते हुए मतदान को तुरंत रोकने की बजाय उसे जारी रखा। इसके बाद सभी उम्मीदवारों ने प्रशासन के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराईं। इस घटना की तमाम विडियो एवं साक्ष्य उनके पास है। तीनों उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई एवं चुनाव को नए सिरे से कराने की मांग की है ताकि जनता का लोकतांत्रिक प्रणाली में पूरी तरह से विश्वास कायम रह सके।

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