नर्सिंग-फार्मा में मिलेंगे रोजगार के अपार मौके, हेल्थ बजट में जानें और क्या है खास

बजट 2023 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं. हेल्थ बजट में वित्त मंत्री की ओर से नर्सिंग और फार्मा क्षेत्रों के लिए किए गए ऐलानों से रोजगार के अपार मौके मिलने जा रहे हैं. अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ और नर्सिंग ऑफीसरों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार 2014 में खोले गए 157 मेडिकल कॉलेजों के आसपास की लोकेशनों पर ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने जा रही है.
इतनी बड़ी संख्‍या में खोले जा रहे नए नर्सिंग कॉलेजों से न केवल नर्सिंग के छात्रों बल्कि नर्सिंग के एकेडमिक फील्‍ड से जुड़े लोगों को रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे. इसके साथ ही वित्‍त मंत्री ने 2047 तक चिकित्‍सा उपकरणों के लिए नया पाठ्यक्रम लागू करने का भी ऐलान किया है.
ये हैं हेल्‍थ बजट की बड़ी घोषणाएं
. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की प्रयोगशालाएं देशभर में बनाई जाएंगी. इससे मेडिकल क्षेत्र और नई-नई बीमारियों को लेकर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा.
. वित्‍त मंत्री ने साल 2047 तक देश से सिकल सेल एनीमिया बीमारी को जड़ से खत्‍म करने का भी लक्ष्‍य रखा है.
. डॉक्‍टरी की पढ़ाई कराने वाले 157 मेडिकल कॉलेजों के आसपास ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की बड़ी घोषणा की है.
. फार्मास्‍यूटिकल्‍स और दवा निर्माण के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों के साथ ही रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए नया प्रोग्राम शुरू किया जाएगा.
.मेडिकल क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई-नई स्‍कीमें लाई जाएंगी.
. सैकड़ों प्रकार के चिकित्‍सा उपकरणों को लेकर ट्रेंड करने के लिए नए पाठ्यक्रम
हेल्‍थ बजट पर ये बोले विशेषज्ञ
कोरोना के बाद बड़ी हेल्‍थ के क्षेत्र में कुछ बड़े ऐलानों का अनुमान किया जा रहा था. पिछले बजट में भी वित्‍त मंत्री ने मेंटल हेल्‍थ को लेकर बड़ी घोषणाएं की थीं हालांकि इस बार सिकल सेल एनीमिया को 2047 तक देश से जड़ से खत्‍म करने, आईसीएमआर लैब्‍स, 157 नए नर्सिंग कॉलेज, फार्मास्‍यूटिकल्‍स को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई हैं.
इस बारे में गंगाराम अस्‍पताल के चेयरमैन डॉ. अजय स्‍वरूप कहते हैं कि इस साल का हेल्‍थ बजट अच्‍छा है. ये अच्‍छी बात है कि इस बार हेल्‍थ केयर फंड को बढ़ाया गया है. वहीं 157 नए नर्सिंग कॉलेज नर्सिंग केयर में छात्रों की कमी को पूरा करेंगे. इसके अलावा सिकल सेल एनीमिया को जड़ से खत्‍म करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी स्‍वागत के योग्‍य कदम है. हालांकि इस दौरान चैरिटेबल अस्‍पतालों को लेकर भी कोई घोषणा होनी चाहिए थी.

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