भारत विकास परिषद हरियाणा उत्तर का प्रांतीय अधिवेशन संपन्न, 6 जिलों की 48 शाखाओं ने लिया हिस्सा

भारतीय संस्कृति के सच्चे संरक्षक की भूमिका में है भारत विकास परिषद:- राज्यमंत्री कमलेश ढांडा


रणघोष अपडेट. कैथल


रविवार को एक निजी पैलेस में भारत विकास परिषद हरियाणा उत्तर का प्रांतीय अधिवेशन संपन्न हुआ। सुबह शुरू हुए प्रथम सत्र में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रही।‌ विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ. डीपी गुप्ता ने हिस्सा लिया। दूसरे सत्र में दोपहर को कैथल के विधायक लीलाराम मुख्य अतिथि रहे व हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत विशिष्ट अतिथि थे। भाविप की कैथल शाखा द्वारा आयोजित अधिवेशन में कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, अंबाला व पंचकूला की 48 शाखाओं के 768 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। भारत विकास परिषद की नई टीम में शामिल अध्यक्ष धीरज भाटिया, सचिव कपिल गुप्ता व कोषाध्यक्ष मनीष मलिक का सभी से परिचय करवाया गया। मंच संचालन प्रांतीय महासचिव अश्विनी अग्रवाल व सचिव धीरज भाटिया ने किया। कैथल शाखा के प्रमुख रामपाल सिंगला ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर पहले सत्र के विशिष्ट अतिथि डॉ. डीपी गुप्ता, सत्र अध्यक्ष एवं भाविप क्षेत्रीय संयुक्त महासचिव केवल कृष्ण अरोडा, प्रांतीय अध्यक्ष दीपक राय आनंद, प्रांतीय महासचिव धीरज भाटिया, अरविंद सिंघल, सुरेश शर्मा, सुनीता मंगल, कैथल शाखा संरक्षक डा अशोक गर्ग, अध्यक्ष रामपाल सिंगला, सचिव अश्वनी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष जयपाल गुप्ता, महिला संयोजिका उषा चावला सहित छह जिलों से आए अधिकारी, दायित्ववान पदाधिकारी उपस्थित रहे।
भाविप की कार्यशैली में नजर आते हैं उसके पांच सूत्र
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण के पांच सूत्र भारत विकास परिषद की कार्यशैली में साफ तौर पर नजर आते हैं। भारत विकास परिषद के इसी विचार ने बडी संख्या में आमजन को देश सेवा के लिए प्रेरित किया है। समाज सेवा, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, तीज-त्यौहार, बुजुर्गों की सेवा, धार्मिक गतिविधियों का संचालन, शहीदों के सम्मान से लेकर देश सेवा के क्षेत्र में 35 के करीब अलग-अलग गतिविधियां करके भारत विकास परिषद ने जनमानस पर अपनी छाप छोडी है। परिषद पिछले पांच दशक से भारतीय संस्कृति के सच्चे संरक्षक की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूरे समाज, विशेषकर अभिभावकों को युवाओं को संस्कारवान बनाने के लिए सामुहिक जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार होना होगा, तभी हम विश्व के सामने उत्कृष्ट उदाहरण पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को संस्कारवान बनाने के लिए केवल सरकारों द्वारा किए जाने वाले कदम काफी नहीं है। इस विचार पर सामाजिक संगठन, धार्मिक संगठन, आमजन, विशेषकर अभिभावकों द्वारा भी एकजुटता से प्रयास किए जाने की जरूरत है। जिस सोच के साथ आज देश आगे बढ रहा है, उसी सोच पर भारत विकास परिषद भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश युवा है और हम सभी को मिलकर इन युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोडने की जरूरत है, ताकि वह अपने लक्ष्य केवल करियर में आगे बढ़ने का न रखें, बल्कि वह देश व समाज को आगे बढाने के लिए अपना योगदान देने की भावना रखें।

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