कितलाना टोल पर किसानों ने फूंकी तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां, ठोकी ताल- काले कानून नहीं मंजूर अब आरपार की लड़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने गतिरोध दूर करने के लिए बेशक तीन कृषि कानूनों को लेकर स्थगनादेश दे दिया हो लेकिन किसान तीनों कानून रद्द होने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आज कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने के 20वें दिन मकरसक्रान्ति और लोहड़ी के पर्व पर आंदोलनकारियों ने तीनों कृषि कानूनों की विरोधस्वरूप नारेबाजी के बीच प्रतियां जलाई। उनका कहना है कि ये कानून किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी समेत सभी वर्गों के लिए डेथ वारंट है। अब आरपार की लड़ाई होगी और जब तक ये काले कानून रद्द नहीं होते उनका जनांदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। किसान नेताओं ने कहा कि कोरोना की आड़ में लाये गए तीनों कृषि कानून सिर्फ महापूंजीपतियों को और  धनाढ्य बनाने के लिए लाए गए हैं। इनसे और किसी भी वर्ग का भला होने वाला नहीं है। सरकारी मंडी और एमएसपी खत्म होने से जहां किसान और आढ़ती पिटेगा, काम चौपट होने और असीमित भंडारण से महंगाई बढ़ने के कारण गरीब और मध्यम वर्ग को गुजर बसर मुश्किल हो जाएगी। यही खतरा भांपकर आज सभी वर्ग किसानों के साथ खड़े हैं और किसान आंदोलन जनांदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार लाठी, गोली और आंसू गैस चलाने के साथ झूठे मुकदमे बनाकर आंदोलन को दबाने की कुचेष्टा कर रही है पर इसमें कामयाब नहीं होगी। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में  चल रहा अनिश्चित कालीन धरना खाप 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, चौधरी छोटू राम अम्बेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण, जाटू खाप चौरासी के राज सिंह, सुभाष यादव पहलादगढ़, किसान सभा के रणधीर कुंगड़ की संयुक्त अध्यक्षता में  कितलाना टोल पर 20वें दिन भी टोल फ्री रहा। किसान नेताओ ने कहा कि 17 जनवरी को सुबह 10.30 बजे दादरी के हुड्डा ग्राउंड में जिले भर के किसान इक्कठे होकर शहर में ट्रैक्टर मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मार्च में सभी खापें, कर्मचारी और सामाजिक संगठन भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि हर सूरत में किसान 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड करेंगे। उसके लिए 25 जनवरी को कूच किया जाएगा। मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर रत्तन जिंदल, राजू मान, जगबीर घसोला, राकेश आर्य, सरपंच नरेश कन्हेटी, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, रिसाल कौर, सत्यवान बलियाली, धर्मेन्द्र छपार, सतेंद्र ढांडा, पार्षद विक्रम श्योराण, संजय मंदोला, डॉ ओमप्रकाश, कृष्णा सांगवान, नरदेव अटेला, सरदार सिंह, सुरेश पहलवान, अजमेर मोरवाला, भाल मोरवाला, अत्तर सिंह, सतीश, इंद्र राणा, मूर्ति देवी, रतन्नी, बीरमति, राजकुमारी, लक्ष्मी, किताबो, चंद्रकला, रामप्यारी, लालचंद हड़ौदी, राजेश, कुलदीप, राकेश, रणबीर सिंहसूबे सिंह, राजपाल बिगोवा, राजेन्द्र घिकाड़ा, अनिल शेषमा इत्यादि मौजूद थे।

 

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