रेवाड़ी- नारनौल मार्ग पर बन रहे नेशनल हाइवे के निर्माण के दौरान गांव पाली से नांधा के बीच कोई सर्विस रोड या अंडरपास नहीं होने से आस पास गांवों के ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने जिला पार्षद आजाद नांधा की अध्यक्षता में गांव आफरिया की ढाणी में पंचायत की। सभी ने कहा कि कायदे से नेशनल हाइवे बनाते समय अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि इससे ग्रामीणों को एक दूसरे के गांव में जाने से कोई परेशानी नहीं हो। इस हाइवे से तो गांव के ग्रामीण एक दूसरे कट जाएंगे। यहां तक उन्हें रोज तरह तरह की परेशानियों से लड़ना पड़ेगा। आवगमन लगभग बंद हो जाएगा। गांव पाली के फाटक पर फ्लाईओवर बना दिया लेकिन साइड में कोई सर्विस रोड नहीं दिया और ना ही जहां पुल खत्म होता है वहां भी आने जाने के लिए अंडरपास भी नहीं बनाया। ऐसे में ग्रामीणों को अपने गांव में पहुंचने के लिए 11 नंबर चौकी पर जाकर घूमकर आना पड़ेगा। पाली और नांधा के कच्चे रास्ते पर गौर नहीं किया गया। इस हाइवे से गांव पाली में बने महिला कॉलेज में छात्राओं को आने जाने में काफी परेशानियां खड़ी हो जाएगी। ग्रामीण बिंशबरदयाल, वेदप्रकाश, रामपाल पंच, रामकिशोर, शिवदयाल, सरपंच मंजू देवी पाली, राजेंद्र कुमार, सरजीत, सतीश, अमरजीत, बबलेश देवी, शकुंतला देवी, महेंद्रा देवी, मुकेश देवी, फूलपति, बबली, माया, सुमन, विद्या देवी ने बताया कि हमें धोखे में रखा गया। यह एनएचएआई की जिम्मेदारी बनती है कि वह रोड का विस्तारीकरण करते समय गांवों के आवगमन का भी ध्यान रखे। हम किसी सूरत में इस ज्यादती को सहन नहीं करेंगे। अगर सर्विस रोड या अंडरपास नहीं मिला तो गांव पाली, भालखी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी, गोठड़ा टप्पा खोरी, मायन का विकास थम जाएगा ओर वे मुख्यधारा से कट जाएंगे। आजाद नांधा ने कहा कि यह क्षेत्र के लिए गंभीर मसला है। हम चुप नही बैठेंगे। इस बारे में ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से मुलाकात करेंगा। हमें उम्मीद है कि राव इंद्रजीत सिंह जरूर इसका समाधान कर देंगे। यह हमार तर्कसंगत एवं न्योचित मांग है। इस बारे में अब एनएचएआई के अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं।