शानदार उपलब्धि : हरियाणा में कोरोना से मजबूती से लड़े रेवाड़ी सरकारी स्कूल के विद्यार्थी, लगातार 8 बार क्वीज प्रतियोगिता में टॉपर

रणघोष खास. हरियाणा. सुभाष चौधरी की रिपोर्ट 

कोरोना काल से बने मौजूदा हालात से हर कोई अपने स्तर पर लड़ रहा है। शिक्षा मे रेवाड़ी जिले के समग्र शिक्षा अभियान विभाग ने हरियाणा स्तर पर एक  शानदार कामयाबी हासिल की है।  घर में पढ़ाओं अभियान के तहत लगातार 8 बार हर सप्ताह होने वाली क्वीज प्रतियोगिता में टॉपर आकर सरकारी स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों ने साबित कर दिया कि विपरित हालातों से लड़कर आगे बढ़ना ही असल शिक्षा हैं। इस बेहतर उपलब्धि पर सीएम गुड गर्वनेंस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर राकेश गुप्ता, शिक्षा निदेशालय के एसीएस रहे महाबीर सिंह एवं जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बधाई देते हुए इसे सभी के लिए प्रेरणा बताया है।

 24 मार्च 2020 को जब कोरोना से लड़ने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन का एलान हो गया उस समय चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल बन गया था। किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था कि वे क्या करें। शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने मौजूदा चुनौतियों को नया अवसर माना और उन्होंने एक अप्रैल से ऑन लाइन एजुकेशन मिशन को शुरू कर दिया। सरकारी स्कूलों में यह बिल्कुल आसान नहीं था। जिला स्तर पर अधिकारियों से  लगातार संवाद कायम किया गया। स्कूल स्तर पर आ रही चुनौतियों से विस्तार से चर्चा हुईं। कैसे लॉकडाउन में विद्यार्थियों को शिक्षा से  जोड़े रखे को लेकर विस्तार से मंथन हुआ। तय हुआ सभी के मोबाइल पर एजुसैट सिस्टम के माध्यम से ऑन लाइन एजुकेशन शुरू की जाएगी। सभी शिक्षक विषयवाइज अपने विद्यार्थियों का वाटसअप ग्रुप बनाएंगे। शिक्षा से जुड़े चल रहे चैनल को ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों के नेटवर्क तक पहुंचाया जाएगा। शुरूआत में जब यह मिशन शुरू हुआ उस समय सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों में महज 30 से 40 प्रतिशत के पास वाटसअप मोबाइल था। जिनके पास नहीं था उसमें अधिकतर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों ने अपने स्तर पर प्रयास किए लेकिन रेवाड़ी के समग्र शिक्षा अभियान विभाग ने पूरी तरह इसे  मिशन बनाकर सफल बनाने का संकल्प लिया और अधिकारी- कर्मचारी अपने स्तर पर स्कूल प्राचार्यों एवं शिक्षकों को दिन रात प्रेरित करते रहे। इसमें इस विभाग के डीपीसी राजेंद्र कुमार विशेष भूमिका में रहे। उन्होंने हर कदम पर आ रही अलग अलग चुनौतियों को सकारात्मक दृष्टिकोण से नई संभावनाओं के तौर पर देखा। कुछ स्कूल ऐसे भी थे जहां प्राचार्य एवं शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल नहीं था। सभी से निजी तौर पर संपर्क कर उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।  

 

 इस तरह लगातार ऑन लाइन एजुकेशन में आगे रहा रेवाड़ी

    शुरूआत से ही रेवाड़ी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने ऑन लाइन एजुकेशन के इस मिशन को गंभीरता से लिया।

     सबसे बड़ी चुनौती बच्चों के हाथों में वाटसअप मोबाइल की व्यवस्था करना था। शिक्षकों के सहयोग से स्कूल स्तर पर समाजसेवियों से अपील की गईं। सबसे बड़ा उदाहरण पालावास के कर्नल जितेंद्र यादव का रहा। उन्होंने अपने खर्चें से 50 विद्यार्थियों को टैबलेड मुहैया करवाया। इसके बाद 50 से ज्यादा शिक्षकों ने अपने पुराने मोबाइल बच्चों को दिए। समाजसेवी आगे आ। इस तरह 95 प्रतिशत बच्चों के पास मोबाइल की यह सुविधा पहुंच गईं।

    ई लर्निंग के बाद बच्चों से फीड बैक लेने के लिए शुरू की गई क्वीज प्रतियोगिता की गंभीरता को समझा गया।  

    –  डीपीसी राजेंद्र सिंह एवं उनकी टीम सदस्य सुबह शाम स्कूल के प्राचार्यों एवं शिक्षकों के साथ संपर्क में रहे कि वे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को हर सप्ताह होने वाले परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।

    जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे वहां शिक्षकों ने उनके घर जाकर अपने मोबाइल से उन्हें इस प्रतियोगिता में भाग लेने की जिम्मेदारी निभाईं।

    जो शिक्षक इस अभियान में कोताही दिखा रहे थे। उनकी रिपोर्ट बनाकर निजी तौर पर उन्हें प्रेरित किया गया कि ऐसे हालात में गुरु की सबसे बड़ी भूमिका होती है

    इस तरह रेवाड़ी में इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति 82 से 92 प्रतिशत रही जो हरियाणा प्रदेश में सबसे ज्यादा थी।

    लगातार आठ बार प्रतियोगिता में प्रथम पोजीशन पर आना यह साबित करता है कि रेवाड़ी के शिक्षा विभाग की टीम ने एकजुटता का परिचय देते हुए कोरोना को शिक्षा की ताकत  से भगाने का संदेश दिया है।

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