कम से कम पानी पर तो राजनीति ना करें, बुढपुर का जलघर बना शिकार

रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

 भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह बुढपुर  ने कहा कि पीने के पानी पर तो कम से कम राजनीति नहीं होनी चाहिए। पानी से बड़ा कोई धर्म नहीं है। अगर कोई अपने राजनीति हित के लिए ऐसा कर रहा है तो वह इंसान की श्रेणी में नहीं आता है। कुलदीप सिंह ने कहा कि गांव बुढपुर का जलघर बनने के बाद भी अभी तक राजनीति का शिकार बना हुआ है। अगर ऐसा नहीं है तो इसे अभी तक शुरू हो जाना चाहिए था। करीब 9 करोड़ की लागत से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के प्रयासों से यह बना है। यहां की क्षेत्रीय राजनीति में आपसी चौधराहट की वजह से यह जलघर बंद ताले में कैद होकर रह गया है। हम इस तरह की मानसिकता का पुरजोर विरोध करते हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार कागजों में पानी मुहैया कराने के  कोरे दावे से बाज आएगी और हकीकत में आमजन को पानी मिलेगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो यूनियन बुढपुर जल को जल्दी खुलवाने के लिए  लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर हो जाएगी।

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